Tuesday, 23 March 2010
ये है असली मनाली
यूं तो मनाली की कहानी आदि-पुरुष मनु से जुड़ी है मग़र मनाली का जो रूप आज दिखाई देता है वो शहर तो तब बसना शुरू हुआ जब कश्मीर में आतंक की दूकान खुलने के बाद वहां पर्यटन ठप्प पड़ने लगा और बाबू लोगों ने हिमाचल का रुख किया । दरअस्ल, मनाली शहर जिस गाँव के नाम पर बसा है वो आज भी जस का तस है और बाबू वर्ग से अछूता है । इतना ज़रूर है कि कुछ जर्मन और स्वीड यहीं की लड़कियों से शादी करके यहाँ बस गए हैं और हिंदी बोल कर निपट ग्रामीणों की तरह मोटर-साईकिल पर दूध की सप्लाई करते घूमते हैं । यही नहीं पशुओं की न्यार-सानी और चारा-पानी भी देसी तरीके से करते हैं । असल में यहाँ आसानी से उपलब्ध चरस भी उनके लिए एक बड़ा आकर्षण है। मैं कोई तीन बरस पहले गया था वहां विडियो कैमरे के बगैर! मग़र आज ये विडियो हाथ लगा है सो आप भी देखें क्या हर्ज़ है ?
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nice
ReplyDeleteअपने गाँव की याद ताजा हो गई !
ReplyDeleteबहुत सुंदर जगह है.
ReplyDeleteमुनीश जी, मुझे तो यहां विडियो का प्लेयर ही नही दिखाई देरहा है? मैं क्रोम यूज करता हूं.
ReplyDeleteरामराम.
चंगा जी !
ReplyDelete@all --- क्यों मैंने सही कहा था ना ? है ना , बोलो... बोलो ....है ना.......... shukria Dosto .
ReplyDeleteसब 'दम' का खेल है. कसोल, यहाँ तक की बरसानी गाँव में भी आपको काफी इस्राइली मिल जायेंगे.
ReplyDeleteसेगली गाँव है यह. सौरकुण्डी ट्रेक के रस्ते में पड़ता है.
ReplyDeletelovely place!!
ReplyDeleteapne bilkul thik hi bola hoga...per video mujhe bhi nahi dikhayi de raha hai...mai Mozilla Firefox use karti hu...
ReplyDeleteभाई मुनीश जी कमाल है विदियो नही दिख रहा तो कैसे देखें कि माजरा क्या है? लिंक ही देदिजिये.
ReplyDeleteरामराम.
मुनीश जी बहुत दिनों बाद ब्लॉग जगत में लौटा और आपका सहृदय कमेंट मिला.. आप बेहतर लिखते हैं यायावर किस्म के हैं क्या?
ReplyDelete@ Suman, P.c. Godiyal,Dharmendra, Sidheshwar&Ab --Itz a pleasure indeed to share my experiences with u and to know ur point in return.
ReplyDelete@Tau ji n' Vini-- I have sent u links via mail.
@Manjeet--Yes by heart i am a 'Yayavar' indeed bhai.
maza aa gya!!!kabhi bikaner aaiye!!!!asli bikaneri bhujiya khane!!!
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