Friday, 9 October 2009

दिल्ली-यमुनोत्री मोटर साइकिल अभियान ; ( 3)

"मौज दो ,मौज लो , मिले तो खोज लो " के स्वतः -स्फूर्त सिद्धांत का अनुगमन करती हमारी फट-फटिया ८०-९० की रफ़्तार से भागी जा रही थी ,मगर कालसी के बाद चढाई शुरू हुई तो गति धीमी कर लेनी पड़ी यही कोई २५-३० के आस-पास ! हर मोड़ हैरान कर देने वाला था . कहीं बीच सड़क पे झरने झर रहे थे तो कहीं अचानक गूजरों की टोलियाँ नमूदार हो जाती . अपनी भैंस और बकरियों को चराते ये गूजर सड़क के बीचों बीच पसरने से भी परहेज़ नहीं करते और आने-जाने वालों की जान सांसत में डाले रहते हैं बहरहाल, गूजर बालक फुंदने वाली टोपियाँ पहने फुदकते बड़े भले मालूम देते थे . हिमाचल प्रदेश की तुलना में उत्तराखंड की कानून -व्यवस्था निस्संदेह लचर है चूंकि सड़क के किनारे से गुज़रती प्रत्येक नवयुवती गंडासा या दरांती लिए ही दिखाई देती थी गंगोत्री और बद्रीनाथ के उलट यमुनोत्री -मार्ग का कोई रण-नीतिक महत्त्व नहीं है और इसीलिए उसकी हालत भी लचर है मगर कुदरती नज़ारों के आगे सारी शिकायतें बेकार मालूम देती थीं . बेशक सड़क को कई जगह से दुरुस्त भी किया जा रहा था मगर इस से रास्ता और संकरा हो गया था .ज़्यादा धचके लगने से बाइक का एक सामने का शौकर जवाब दे चुका था और पीछे टंगा बैग टायर से रगड़ खाकर किनारे से कुछ फटने लगा था डाक- पत्थर,कालसी जुड्दो , नैनबाग, नैनगांव, दामता, कुआँ और नौगाँव से होते हम बड़कोट पहुँच चुके थे जहाँ पहले दिन हमने आराम से ३०० किलोमीटर से कुछ ऊपर बाइक खेंच ली वहीं आज १०० किलोमीटर में ही पिछवाड़े की चूलें हिलने लगीं सो बाइक रोक कर गढ़वाल मंडल विकास निगम का कमरा कब्ज़ाया गया यहाँ रेट १५० रूपइए मात्र प्रति बिस्तर था जो किसी फाइव स्टार के १५,००० वाले बिस्तरे से भी ज़्यादा गुदगुदा और आरामदेह था ! रात यहीं बिताने की ठहर हुई और बैग को अगली सुबह की खातिर ठीक से बाँध कर छोड़ दिया ! see video also.

9 comments:

  1. मुनीश भाई यदि यात्रा तिथि भी लिख दिया करें तो पाठक को और भी मजा आये और उसके लिए वह एक जानकारी भी होगी। मौसम के मिजाज को तिथिवार समझने में काफ़ी चीजें खुद ब खुद खुल जाती है।
    आपके इस सुंदर अभियान में आपके पाठक भी शामिल हैं भाई।
    मजा आ रहा है न!

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  2. मजा आ गया तस्वीरें देख कर. वाटर फॉल ने मन मोह लिया. अनेक शुभकामनाएँ मित्र.

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  3. नई तस्वीरों ने हरीयाली ला दी. :)

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  4. bahut achhi pictures hai...water fall ki pictures to WOW WOW WOW type hai...

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  5. video dekh ke lag raha hai ki bike bahut achhi chala lete hai aap...

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  6. The waterfall is beautiful. I haven't been to these places. Now I'm feeling tempted after seeing these photos.

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  7. पहाड़ के जनजीवन की कुछ और झलकियाँ देख कर अच्छा लगा

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  8. @ all- मज़े की बात है कि एक समीर भाई को छोड़ कर सभी कमेन्ट पर्वत से नाता रखने वालों के हैं
    हौसला बढाने का शुक्रिया दोस्तो !

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