Wednesday, 10 September 2008
भुवनेश्वर का एक पेशाबघर और बाक़ी तस्वीरें
किसी इंसान की फितरत उसके जूतों से और किसी इमारत की असलीयत उसके टॉयलेट से पता चलती है ,ऐसा मेरे दोस्त मेजर किशनपाल के मरहूम ददा -जानी का फरमाना था और मैं उनके इस क़िस्म के ओब्सेर्वशन्स का बड़ा कायल रहा हूँ , सो भुवनेश्वर रेलवे के प्लेटफोर्म नम्बर वन पे मौजूद इस टॉयलेट की तस्वीर लेना मैंने ज़ुरूरी समझा चूंकि पाँच सितारा होटलों , NGOs के दिल्ली वाले बड़े दफ्तरों और एम्बसिओं को छोड़ दें तो मुल्क में ये शोवा आज भी फनकारों की नज़रे-इनायत से महरूम है । बहरहाल, इस पेशाबघर में फूल- दार टाइल्स के अलावा फूलों के गुच्छे भी किसी अनाम कलाकार ने इस खूबसूरती से सजाये थे जिसका एक्सपेरिएंस महज़ तस्वीरों से मिलना मुश्किल है और ये सब महज़ एक रुपये की रूटीन प्राईज़ पर ! मैंने दिल्ली से भुवनेश्वर का सफर जहाज़ से तय किया और पुरी जाने के लिए ट्रेन पकड़ी , ट्रेन में थाई लैंड से आई एक पर्यटक से काफी यादगार मुलाक़ात हुई जिसका ज़िक्र फ़िर कभी, अभी तो आप इन तस्वीरों का मज़ा लें।
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अच्छी तस्वीरें दिखाने के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteऐसा शानदार पेशाबघर? लगता ही नहीं कि यह अपने देश में ही है।
ReplyDeleteबहुत नायाब चीज दिखलाई है आपने ।
ReplyDeleteअब तो भुवनेशवर जाना होगा इस पेशाबघर का प्रयोग करने।
अद्बुत फोटो हैं मुनीशजी, विशेषकर पेशाबघर के।
ReplyDeleteफोटो काफी अच्छे हैं। अपनी ट्रेन यात्रा की यादों को जल्दी ही शेयर करें। शुक्रिया।
ReplyDeleteआप अच्छे हो इसलिए आपको अच्छा ही नज़र आता होगा |
ReplyDeleteफोटो वाकई शानदार हैं औऱ खासकर पेशाबघर वाला। आपने एक अलग सी जगह की खूबसूरती को दिखाया जिस पर लोग आम तौर पर ध्यान नहीं देते।
ReplyDeleteफोटो वाकई शानदार हैं औऱ खासकर पेशाबघर वाला। आपने एक अलग सी जगह की खूबसूरती को दिखाया जिस पर लोग आम तौर पर ध्यान नहीं देते।
ReplyDeleteयूरोप के सार्वजनिक सुविधाकेन्द्रों की छटा बिखेरते इन फ़ोटोग्राफ़्स को देखकर एक बार को सदमा लगता है कि यह हमारे अपने मुल्क में मौजूद है. वह भी रेलवे स्टेशन पर!
ReplyDeleteलालू यादों के लिए कोई खम्भा-दीवार बनाए हैं या नहीं रेलवई वाले?
... ख़ैर. अब अगली सीरीज़ प्रस्तुत करें सर.
मेरे शक्की मन को ये बार-बार लग रहा है कि ये तस्वीर एयर पोर्ट से ली गयी है और रेल्वे स्टेशन के नाम से चिपका दी गयी है !!फ़िर आपकी नेकदिली के सदके अपने दिमाग को समझा रहा हु कि इतना शक अच्छा नही दीपक !! साड्डा इंडिया के रेल्वे स्टेशन इतने भी खराब नही !! बाइदअवे ये सुनहरा आकाश आपने कितने हजार फ़ीट उचाइ से खीचा है ?
ReplyDeleteDear Deepak,
ReplyDeleteif u happen to visit Bubaneshvar Railway platform no.1 , just take a right turn and at the end of platform shed u will find this flowery urinal entitled ' De-Lux Toilet'.
Munish
Thank u all for ur encouraging comments.
ReplyDeletemaykhana is urinating life surprisingly minus urea.
ReplyDeleteअदभुत..चित्र नम्बर ९ कौन सी जगह है ?
ReplyDeleteitz a private prop. on paintkata(spelling not confirmed) sea-beach in puri Ranju.
ReplyDeleteBeautifull Pictures...
ReplyDeletevery nice pictures
ReplyDeleteThnx for appreciation ji.
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