Saturday, 6 September 2008
' ए मर्डर ऑन द बीच ' और कुछ अन्य छवियाँ
अक्सर ग़लत वजूहात के चलते सुर्खियों में रहते आए उड़ीसा के सहिली इलाकों पुरी और कोणार्क को हमने काफ़ी सुकून और कुदरती खूबसूरती से लबरेज़ पाया और राजधानी भुवनेश्वर तो चंडीगढ़ जैसा ही बड़ा सलीके से बसाशहर है बल्कि उस से भी बढ़कर है चूंकि यहाँ माडर्न इमारतों के अलावा हज़ारों बरस पुरानी गुफाएं और मन्दिर भीहैं जो चंडीगढ़ में नहीं हैं । जिस दिन एक हिंदू संत के क़त्ल के बाद उड़ीसा के दूर दराज़ इलाकों में दंगे भड़के मैं उसरोज़ राजधानी भुवनेश्वर में ही था जिसका असर वहां 'बंद ' की शक्ल में नज़र आ रहा था और जन साधारण में इसबात को लेकर रोष था की धर्म -परिवर्तन के बाद भी इसाई समुदाय के लिए आरक्षण के दरवाज़े क्यों खुले हैं चूंकिजब ईसाइयत में जाति ही नहीं तो फ़िर उस नाम पर आरक्षण क्यों ? मैंने वहां जितने लोगों से बात की सभी ने इसेधर्म की बजाय सरकारी सुविधा के ग़लत इस्तेमाल से उपजे द्वेष का मसला बताया । पढ़े -लिखे तबके का कहना ये था कि देश में डेमोक्रेसी फ्रांस के मॉडल पर आधारित है मगर फ्रांस तक में सामूहिक धर्म -परिवर्तन की इजाज़तनहीं है चूंकि इसी से बाद में देश के टूटने की सूरत बनती है सो भारत में ऐसा क्यों ? बहरहाल , मेरा ख़ुद ये माना हैकि भारत में वैसे ही काफ़ी धरम मौजूद है और ऐसे में धरम के इंपोर्ट की कोई ज़ुरूरत नहीं है । बाकी जो कुछ मैने देखा आप भी देखें।
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very nice snaps
ReplyDeleteyahan ke samundar ka jaavaab nahi !!! 5 varsh ho gaye ..aaj bhi yaadey taazaa hain
ReplyDeleteसुंदर चित्रांकन, धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा ! लाजबाब !
ReplyDeleteबेहतरीन फोटोग्राफ्स!!
ReplyDeleteबढ़िया!
ReplyDeleteITZ JUST A TRAILER FRIENDS! MOVIE IS YET TO BEGIN.
ReplyDeleteजब मर्डर हुआ तब आप कहा थे?क्या आपने डेडबाडी पहले देखी?वहा कुछ पत्थर पडे है क्या उनसे ये मर्डर हुआ?सिर्फ़ हड्डीया बच गयी है लगता हैडेड बाडी पुरानी है?
ReplyDeleteअब आप ऐसी धासु हेडींग देंगे तो हम भी ऐसी ही टिप्प्णी देंगे ना !! वैसेइस मुकाम का मुआयना अमने भी पहले किया है और जगन्नाथ जी को हेलो भी बोल आये है।परसागर किनारे हवा खुमारी करते कभी मैने ऐसा मर्डर नही देखा । हा हा हा
Dear Deepak,
ReplyDeletewhen u reach puri beach coming from temple side and start moving on right side ,the road laid along the beach ends and a kachcha rasta starts, it is exactly that place where i saw this dead crab which seems run over by a moving vehicle . In Bhuvaneshvar, i saw a black scorpion of the same size lying dead on the road.Crab hardly shocked me, but u can imagine my fear at the sight of a huge dead scorpion.Anyway, Puri is a place to be visited again and again specially when u hire a bike for just 250 rupees a day and move on to Chilka and Gopalpur beach or anywhere including Konark.
Regards
Munish.
Main to puri 3 saal pehle gaya tha aur shayad agle mahine bhi jaaon. Achcha laga nazara aapke camare se
ReplyDeleteजगन्नाथ मन्दिर ..और रेत पर बनी मुखाकृति ....पुरी से जुड़ी दो अहम् यादे ..धन्यवाद
ReplyDeletebahut badiya....kmaal ki picks hai!
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