Tuesday, 16 September 2008
रात में श्मशान और बाक़ी तस्वीरें !
हिमालय के तो कई रंग देखे थे मगर बंगाल की खाड़ी में हरहराता हिंद महासागर पहली बार देख रहा था . अलबत्ता, अरब सागर पहले भी देखा मगर ये तो महा- समुद्र था और उस पर जगन्नाथ पुरी का वो साहिल जो दुनिया के दस सबसे आला 'सी-बीचेज़' में शुमार होता है !! सो देर रात तक मैं वहीं टहलता रहा । समंदर के किनारे खासी रौनक थी , एक छोटा सा बाज़ार भी करीब दस बजे तक सजा रहा । ये पुरी में ऑफ़-सीज़न का वक़्त है मगर फ़िर भी सैलानी तो वहां रहते ही हैं चाहे हज़ार से कम ही सही । रेत में सजे बाज़ार में घूमते -घामते कुछ दूर निकल गया जहाँ से उठती आग की लपटें बड़ी ड्रामाई लगती थीं , ऐसे की जैसे वो आँच का कोई स्पेशल -इफेक्ट हो..... जैसे स्टेज के ड्रामों में दिया जाता है । पास पहुँचा तो पता लगा पुरी में श्मशान आधी रात तक जागता है ताकि हमेशा के लिए सो चुके जल्द उस पार हों ....उस पार जहाँ जाने क्या है ये कोई नहीं जानता ! बहरहाल ,जी कुछ बुझ सा गया मगर भीतर छिपा कमीना फोटोग्राफर वहां भी बाज़ न आया और तस्वीरें लेने को मजबूर करता रहा । इसके बाद , सुबह जब दोबारा वहां पहुँचा तो उसी समंदर के किनारे जहाँ रात में जलती चिता थी , बाज़ार था वहां अठखेलियाँ करते एक बच्चे को देखा और अगर वो रात कैमरे में क़ैद न होती तो मुझे भी यही लगता की कोई सपना देखा । सुनी भी ये देख कर हैरान थी , .... प्रोफ़ेसर सुश्री सुनी शिनावात्रा जो मिथुन -मूर्तियों के बारे में जानने अपने मुल्क थाई लैंड से हिन्दोस्तान आई हैं और जिनकी इल्तजा है के मैं उनका दुभाषिया बन जाऊं । उन्हें अब कोणार्क जाना है चूंकि वो मूर्तियाँ तो वहीं मिलेंगी और मेरे पास भी इनकार की कोई ख़ास वजह नहीं है सो अढाई सो रुपल्ली पर- डे के किराये पे एक फटफटी ले हम निकल जाते हैं कोणार्क जिसके बारे में अगली मर्तबा ..........
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खूब कैद किया आप ने पुरी बीच को कैमरे में।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी। तस्वीरें भी जानदार हैं।
ReplyDeleteएेसे ही सैर किरए और कराते रिहए।
कभी फुरसत में हों, तो मेरे ब्लाग
www.gustakhimaaph.blogspot.com
पर भी पधारने का कष्ट करें।
बहुत सही फोटू हैं भाई.
ReplyDelete2nd,3rd,4th...!!!! acchhii aayin hain
ReplyDeleteबेहतरीन, क़ाबिल-ए-रश्क तस्वीरें हैं साहेब!
ReplyDeletebadhiya model chuna aapne apni natural pics ke liye :)
ReplyDeletebahut jeevant tasveeren hain..achcha laga.
ReplyDeleteबहुत सारी यादे ताजा हो गई इन तस्वीरों को देख कर ..बहुत बढ़िया है यह
ReplyDeleteस्टंट ब्वाय का स्टंट अच्छा लगा और आपकी फ़ोटोग्राफ़ी भी !!
ReplyDeleteInayat ka shukriya Dosto.
ReplyDeleteTasveerain dekhkar puri ki yaad dil main ghumadnain lagi. Yatra ka ye vritaant jaari rakhen! Intezar rahega! Khaskar ye jaan ne ka ki Konark ki rati mudraon ko dekh kar Sinwatraji (kahin inka taaluk holywood se to nahin hai) ko kaisa laga.
ReplyDeleteNice Photography...
ReplyDeleteBachhe ki kalabajiyo ko bahut achha camera mai kaid kiya hai apne...