Saturday, 31 March 2012

असाकुसा में एक शाम

तोक्यो शहर का काफ़ी पुराना इलाक़ा है असाकुसा जहाँ देखने-जानने को बहुत कुछ है लेकिन मैं तो यूँ ही तफ़रीह की ख़ातिर निकला बग़ैर किसी एजेन्डे के । पुारंपरिक चाय के बर्तनों की दुकानें सजी हुईं थीं और माहौल में आधुनिकता के साथ परंपरा साफ़ झलकती थी । सड़क किनारे गाते गायक किसी पुरानी मशहूर धुन से समाँ बाँधे हुए थे ।कपड़ों और वाद्य यंत्रों को देखें तो यूरोप की याद दिलाते थे लेकिन कोई ठेठ जापानी गीत उनकी ज़ुबाँ पे था । देर तक गलियों में चक्कर लगाने के बाद स्पीड बोट लेकर हिनोदे पहुँचा जहाँ एक विशाल सामुराई युगीन नौका की पृष्ठभूमि में नई इमारतों का मंज़र जापान की बाबत एक हलफ़िया बयान सा लगा । तेज़ रफ़्तार सुपर स्पी़ड बोट के साथ लकड़ी की सामुराई नौका ,परंपरा के साथ इतिहास का मेल , यही तो है जापान । शाम अच्छी कटी लेकिन इस वायदे पे कि कभी इत्मीनान से असाकुसा घूमा जाए यूँ मुख़्तसर में नहीं ।

8 comments:

  1. Beautiful ! Asakusa Japan ke itihaas aur vartman ka bahut hi adbhut sangam hi. Main to kahungi ki Asakusa Tokyo ka hriday hi. Kabhi-kabhi aap bhhool jate hi ki aap Japan mein hi, aisa lagta hi pashchim ke kisi desh mein hi, lekin Asakusa yaad dilata hi ki aap Japan mein hi, Asia mein hi aur Baudhh aur Shinto dhharm ko manane wale desh mein hi. Jab main October, 2012 mein Tokyo pahli baar aayi thi, pahle din aur pahli jagah Asakusa hi thi. Bahut hi pyaari aur shaant jagah, pyaara Japan.

    ReplyDelete
  2. Jhhama karen October, 2000 mein.

    ReplyDelete
  3. धन्यवाद लेकिन आप अपना नाम तो बताएँ । यदि गूगल एकाउँट हो तो उससे साइन इन करके कमेन्ट करें ताकि आपका परिचय मिले ।

    ReplyDelete
  4. Ye chai ke bartan kyun khaas hain yahaan?

    ReplyDelete
  5. क्योंकि ये हर जगह नहीं मिलते ऐसे पारंपरिक रूप में इसलिए । लेकिन इस हिस्से में काफ़ी पुरानापन ज़िन्दा है । ये तस्वीरें केवल इशारा भर हैं ।

    ReplyDelete
  6. Oh sorry, main Kamayani huan. Bus Anonymous pe click kar deti huan kyonki it says please choose a profile. Ab se Anonymous Kamyani hi.
    Smiles

    ReplyDelete
  7. ठीक है कामायनी आपका बहुत-बहुत स्वागत है यहाँ सदैव । आप अपने विश्व भ्रमण के अनुभव भी यहाँ साझा करें ।

    ReplyDelete
  8. Hahhahahhahahahhahahhahahhahhahahhahahhahhahhaha ! Chhama karen maine anonymous karke aapko chauka diya. Aapne socha hoga ki bhai ye kaun hi? Bilkul main apne vishwa bramar ka anubhav saajhha karungi. Aapka blog dekhkar to lagta hi ki waah bhai blog likhna bhi ek kala hi. Aap bahut achha likhte hi, aur bahut hi achha varran karte hi.
    Kamayani

    ReplyDelete