Sunday, 22 January 2012
चवन्नी चैप इन तोक्यो
प्रतिष्ठित पत्रकार और हिंदी ब्लॉग चवन्नी चैप के ज़रिए हिंदी भाषियों से सिनेमा संबंधी अनमोल जानकारियाँ बाँटने वाले हर दिल अज़ीज़ भाई अजय ब्रह्मात्मज हाल ही में तोक्यो नमूदार हुए । मौक़ा था हॉलिवुड की मशहूर मकड़ी मानव शृंखला में एक और फ़िल्म की प्री-लॉन्च सेरेमनी का जो जुलाई में विश्वव्यापी स्तर पर रिलीज़ होगी साहब । सर्वसमर्थ, शक्तिमान हॉलिवु़ड की तरफ़ से हिन्दी पत्रकारिता खेमे के अकेले न्यौते गए अजय जी को यहाँ पाकर ख़ुशी कई गुनी हो गई । रात में महफ़िल जमी , दौर चले , धूम मची । आप भी शरीक़ हों ,मज़ा आएगा क़सम से ।
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vaah kya scene hai .......akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteसच कहते हैं अख़्तर भाई । मेरे लिए तो ये हिन्दी ब्ल़ॉग जगत् का सम्मान है ।
ReplyDeleteमजा आ गया अजय से मिल कर,
ReplyDeleteऐसे ही दौर चलते रहे जिन्दगी का।
Bhai Maza Aa Gaya !
ReplyDeleteAb MayKhaana Sahi Arthon Mein Maykhaana Bana.
Agar Sambhav Ho To Zara Video ke Upar Likhe Naam Ki Hindi Spelling Ko Theek Kar Lein.
शुक्रिया ललित जी । आपके कमेंट को पढ़ना हमेशा हौसला देता है ।
ReplyDeleteशरद भाई शुक्रिया ध्यान दिलाने का । आते रहिए , बताते रहिए तभी संवाद की सार्थकता है
ReplyDeleteअरे वाह....मजा आ गया। आप की खोली का वीडियो लगा दिया है फेस बुक पर...पता है... http://youtu.be/Gfb5ekWcdE8
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह! मित्रों से मेल-मुलाक़ातों के ये दौर यूँ ही चलते रहें ... शुभकामनायें!
ReplyDeleteग्रेट interview. कनफूजन की जो व्याख्या इसमें है, वो लाजवाब है.
ReplyDeleteye adhura kyuon hai Ajay ji......ye poori baat cheet kab sunney ko milega.....
ReplyDeleteबहुत आनंद आया, ज्ञान के लिए। खासकर अजय जी के कंफ्यूजन पर दिए बयान। मैं उनाक मुरीद हूं संग ही आलोचक भी। शुक्रिया
ReplyDeleteक्या बात है! डिफेन्स कॉलोनी के एक शराबखाने का मंजर सामने आ गया. आप दोनों महाशय एक साथ तब के बाद आज नज़र आ रहे हैं. बनी रही हमप्यालगी!
ReplyDeleteअशोक भाई एक ज़माने बाद आपकी नज़रे इनायत हुई है यहाँ लगता है दुकान खुली रखी जाए
Deleteअभी तो ।