Sunday, 11 December 2011

एक दिलकश दोपहर एनोशिमा द्वीप पर( जापान लोक में एक साल - भाग 2 )

मेरे जैसे दिल्ली वाया यूपी- हरियाणा छाप आदमी के लिए समंदर और खास कर टापू एक अजब सा खिंचाव पैदा करते हैं । तोक्यो शहर के नज़दीक मौजूद एनोशिमा एक छोटा सा जज़ीरा है जो नौजवानों के दिलों की धड़कन बना रहता है । इस ज़जीरे पर एक पहा़ड़ी है जिस पर एक शिंतो श्राइन है जो एक देवी का बताया जाता है । शिंतो धर्म काफ़ी कुछ हिंदू धर्म जैसा है और इसके धर्मस्थल श्राइन कहलाते हैं जबकि बौद्ध धर्म के टेंपल यानि मंदिर । खैर, यहाँ बौद्ध मंदिरों और शिंतो श्राइन्स में मद्यपान पर कोई रोक नहीं है बल्कि खास अवसरों पर वो बँटती भी है , लोग दबा कर पीते हैं लेकिन साल भर में देखे ऐसे दस ठिकानों पर मैंने कभी किसी को न तो ऊँची आवाज़ में बोलते सुना और न ही आँखे तरेरते देखा । सुरूर का सा माहौल रहता है जिसे आप शायद विडियो में जान पाएँ । वो मई महीने का कोई इतवार था जब मैंने भी एनोशिमा की जानिब रूख किया और उसे निहायत दिलकश पाया और मोहब्बत से लबरेज़ पाया ।
इस पोस्ट के पिछले भाग में मैंने इसी द्वीप की कुछ छवियाँ लगाईं थीं जो आपको पसंद आईं हैं और इस अनुभव पर किताब लिखने का सुझाव भी आया है भाई अनिल यादव से लेकिन आज के समय में जबकि इंसानी स्पैन ऑफ् अटेंशन लगातार गिरावट की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है तो लगता है कि विडियो कहीं बेहतर ज़रिया है अपनी बात कहने का । आपको विडियो देखकर मज़ा आएगा ऐसा मुझे यक़ीन है । विडियो बनाने से ज़्यादा मशक्कत है उन्हें लोड करने में जबकि यहाँ इंटरनेट की गति काफ़ी तीव्र है । बहरहाल, विडियो में स्पॉट कमेंटरी का मेरा प्रयोग आपको कैसा लगा हो सके तो मुझे बताइए । तस्वीरों का असल मज़ा लेने के लिए उन पर क्लिकियाएँ । तो फिर आप मुलाहिज़ा फ़र्माएँ ....
मंदिर? जी नहीं....रेलवे स्टेशन बीच सड़क ...इंतज़ार फिर वही ड्रैगन महाराज रेसिंग बोट्स कुछ औंधी कुछ सीधी पुष्प वाटिका- इसी साल मई माह में खड़े हैं हम भी राहों में... ज़र्र........................... ओ मांझी रे.............
सर्फ़िंग के दीवाने हरहराते प्रशांत-तट पर पिता और बच्चे
एनोशिमा टापू का डाकघर
शेष छवियों का विवरणः--
जल-क्रीड़ा ....और जल-क्री़ड़ा
खेल खतरनाक हो सकता है
इसीलिए ये इंतज़ाम भी है ....
और ये भी...........
और ये भी ....................
ये पेड़ पर धरा ये प्याला साके का है यानि पारंपरिक जापानी शराब का जो मैंने वहाँ पिया था । चावल से बनती है साके और इसे सर्दियों में गर्म करके भी पिया जाता है । साके के बिना जापान की बात करना बेकार समझिए ।
एक विडियो
एक विडियो और
..............और ये वाला विडियो मेरी हिंदुस्तानी अंग्रेज़ी में :)

5 comments:

  1. बढिया वीडियो और चित्र हैं। आभार

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  2. बढ़िया विवरण सुंदर चित्र

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  3. आपकी इस पोस्ट से बहुत ज्ञानवर्धन हुआ, आभार!

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  4. बैठे बिठाये एनोशिमा द्वीप की सैर करवाने के लिए धन्यवाद! आपका जापान प्रवास हमारे लिए जापानी स्थानों और जनजीवन के अब तक के अनजाने पहलुओं को जानने का झरोखा बन चुका है। शिंतो धर्म तक साथ हिन्दू धर्म की साम्यता की बात रोचक लगी।

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  5. @Lalit-आपने विडियो देखे तो मुझे लगा कि चलिए जायज़ है विडियो बनाना ।


    @Monika- डॉक्टर साहिबा इनायत का शुक्रिया ।

    @Anurag- मेरा मानना है कि आप इस कथा को बेहतर जान सकते हैं क्योंकि आप यहाँ आ भी चुके हैं ।

    @Nanak-मैं चाहता हूँ कि आप यहाँ आएँ और स्वयं देखें । ज़िम्मा मेरा है ।

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