Wednesday, 5 May 2010

मयखाने में के ..सेरा..सेरा...

'के सेरा - सेरा' माने होता वही है जो होना होता है ---

3 comments:

  1. मेरी पसंद बखूबी जान गये हो आप.. :)


    इस गाने को कितने ही लोगों ने कितनी तरह से गाया है मगर हर हाल में लाजबाब!!

    आभार मित्र.

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  2. Brought back memories of good old days. Heard this after a long time. Thanks.

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  3. इस मधुर गीत को सुनवाने के लिए धन्यवाद। यह गीत इसलिए ज्यादा पसंद है क्योंकि इसमें एक गहरा अध्यात्मिक सन्देश छिपा हुआ है कि जीवन की डोर भगवान् के हाथ में है, इंसान तो बस एक कठपुतली है।

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