Thursday, 29 April 2010

मयखाने में "बंबई से आया मेरा दोस्त....."

हिंदी सिनेमा के शराबी गीत ( वाक़ई अंतिम गीत ) उन सभी मयखाना प्रेमियों के साथ सुनना चाहता हूँ ये मस्त-मस्त गीत जिन्होंने शराबी गीतों का यहाँ भरपूर मज़ा लिया ....गीत जिनका मज़ा लेने के लिए शराबी होना कतई ज़रूरी नहीं है ! दोनों विडियो लगा दिए हैं चूंकि एक में शुरूआती " चौपाई " है और दूसरे में फ़िल्मी विडियो । दुर्लभ आइटम है , सुन लें !

3 comments:

  1. वाकई दुर्लभ आइटम ...

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  2. boss vdo nahi dikh raha hai.
    ho sakta hai mere net ki problem ho. kal phir koshih ho. sameer ne tareef ki hai to bhdhiya hi hoga

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  3. अरे दोस्त अभी से कहा --वाक़ई अंतिम ?!

    मछुआरो की एक बस्ती मे वार्शिकोत्सव मे जब मैने देखा की चार-चार बोतल कच्ची पीने के बाद भी भाई लोग out होने का नाम नही ले रहे है,तो जब अपन पाव-पव्वे मे ही उट्ने लगे तो बताया गया कि दारू पीते वक्त अप्नी जगह से हटो/हिलो मत,वर्ना दारु पेट मे छल्केगी...और फ़िर...चदेगी दिमग पे !! तो ये नुस्खा है लम्बी दौड का....!!

    तो क्या कर रहे हो साकी...काका-बच्चन का एक दो बार नाम ले के निकल्लिये आप तो....

    देखो यार ऐसा न हो के फ़िर बोल्ना पडे कि......

    मुनिश भाई......
    जितनी हम छोड दिया करते थे पैमानो मे,
    अब उत्नी भी मयस्सर नही "मयखानो" मे !

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