इस पेंटिंग को देखकर 'अनारकली' फिल्म का ये गीत याद आ गया:
आ जा अब तो आ जा मेरी क़िस्मत के ख़रीदार नीलाम हो रही है मेरी चाहत सर-ए-बाज़ार सब ने लगाई बोली ललचाई हर नज़र मैं तेरी हो चुकी हूँ दुनिया है बेख़बर ज़ालिम बड़े भोले हैं मेरे ये तलबगार हस्रत भरी जवानी ये हुस्न ये शबाब रँगीन दिल को महफ़िल मेरे हसीन ख़्वाब गोया कि मेरी दुनिया लूटने को है तैयार
@Nanak --very appropriate observation , but i think all the men shown in the painting are male -bloggers trying to impress female bloggers with their posts without actual concern.
so its ma day... u didnt wish....
ReplyDeleteइस पेंटिंग को देखकर 'अनारकली' फिल्म का ये गीत याद आ गया:
ReplyDeleteआ जा अब तो आ जा मेरी क़िस्मत के ख़रीदार
नीलाम हो रही है मेरी चाहत सर-ए-बाज़ार
सब ने लगाई बोली ललचाई हर नज़र
मैं तेरी हो चुकी हूँ दुनिया है बेख़बर
ज़ालिम बड़े भोले हैं मेरे ये तलबगार
हस्रत भरी जवानी ये हुस्न ये शबाब
रँगीन दिल को महफ़िल मेरे हसीन ख़्वाब
गोया कि मेरी दुनिया लूटने को है तैयार
@Nanak --very appropriate observation , but i think all the men shown in the painting are male -bloggers trying to impress female bloggers with their posts without actual concern.
ReplyDeleteआज की मीटिंग में अगली मीटिंग की डेट फिक्स हो गयी है... आगे देखते हैं फिर कब बैठेंगे :)
ReplyDeleteखयाल तो नेक है!वैसे पोस्ट से ज्यादा इफ़ेक्टिव तो आपका ही कमेण्ट है!
ReplyDeleteOnly one lady, rest are male.
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