मयखाने में 'एनिग्मा' का संस्कृत श्लोकोच्चार
विश्व संगीत के कद्रदान 'एनिग्मा' से परिचित होंगे और मुझसे बेहतर जानते होंगे । मैं तो उसकी ये रचना यहाँ इसलिए लगा रहा हूँ कि एक सज्जन बता रहे थे कि ये रचना चीन में काफी पॉपुलर है । प्रसन्न-वदना , सौभाग्यदा ,भाग्यदा ........बस इतना तो समझ में आता है बाकी मज़ा काफी आया, दिलचस्प है ....सुनिए !
अच्छा लगा सुनकर, साझा करने के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteअच्छा लगा सुनकर
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