Saturday, 5 December 2009

जयपुर से लौट कर...._(१)

माता-पिता को जयपुर जाना था एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने । पुराने जयपुर में दरीबा-पान है सुभाष चौक के पास । सो वहाँ उन्हें छोड़ा, मैंने भी समारोह में जय-जय कार की और फ़िर घुमंतू वृत्ति के वशीभूत होकर सोचा कि गाडी उठा कर कहीं घूम आऊँ । बाहर निकला तो एक काला-कुत्ता गाडी की छत पे पसरा धूप सेंक रहा था । उसे जगाया भी मगर नीचे उतरने के मूड में वो नहीं था सो पैदल ही हवामहल की तरफ निकल गया । कई दफा जयपुर जाना हुआ है मगर तस्वीरें लेने की कोशिश नहीं की । अबकी बार कैमरा धर लिया था की आपके लिए कुछ फोटो लेता आऊँ । जयपुर के बाज़ार की साफ़-सफाई और भीड़-भाड़ की बात रहने दें तो कुल मिलकर एक विलक्षण स्थापत्य के दर्शन होते हैं । देश के किसी और शहर में हिन्दी में लिखे इतने साइन -बोर्ड आपको नहीं मिलेंगे जितने जयपुर में । मुझे तो प्यारा है ये शहर , काश यहाँ की रियाया और सरकार को भी होता तो इसे उस करीने से रखते ,जिस से इसे बनाया गया था । यहाँ लगी तस्वीरों , ख़ास कर ट्रक वाली, को बड़ा करके देखें तो मज़ा भी बड़ा ही आएगा बाकी राणा जी तेरी मर्जी.... ......

12 comments:

  1. खूबसूरत तस्वीरें हैं।

    ट्रक आदि तो अपने शायराना मिजाज के लिये वैसे ही बहुत मशहूर हैं।

    एक जगह लिखा देखा -

    - हमारी चलती है तो तुम्हारी क्यों जलती है।

    एक और ट्रक पर पंजाबी में लिखे देखा था -

    मेरी कम्मो मैं लौट के आ रिहा हां, मंझी विछा के रक्खीं :)

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  2. वाह आपने तो पुरानी यादें ताजा करवा दीं.

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  3. सुन्दर तस्वीरें...ट्रक वाले ने कहा तो मुस्करा भी रहे हैं. :)

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  4. वाह चित्रमय तफरीह !

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  5. मन एक ही बात पर अटक गया कि काश थोड़ा और आगे बोर्डर तक आ जाते. इस बार भूलना नहीं.

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  6. वैसे तो जयपुर दो तीन दफ़े जाना हो चुका है पर कभी कैमरा साथ रहा नहीं। अच्छा लगा इस शहर को आपके कैमरे की नज़रों से देखना।

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  7. Lagta hai Dogy mahashay ko apki gari kuchh zyada hi pasand aa gayi...

    really nice pictures...

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  8. जयपुर भ्रमण की अपनी यादें ताजा हो आयीं। कुत्ते वाली तस्वीर तो देखकर हँसते-हँसते बुरा हाल हो गया।

    वेलकम बैक!

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  9. चुपके आये और चुपके निकल लिये !!

    यह हमारी शिकायत रही। दर्ज हो...

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  10. मुनीश जी,
    जयपुर से आ गए? उस कुत्ते की तो बताओ. वो गाडी से कब उतरा. अपने यहाँ तो कुत्ते गाडी के ऊपर नहीं, नीचे बैठते हैं. इन पर भी महाराणाओं का असर है.

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  11. munish ji,
    maine aapki sabhi post padhi. achhi lagi.

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  12. बहुत बढ़िया लगे यह चित्र, धन्यवाद!

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