the tavern,居酒屋,میخانه ...वो जाता था कि हम निकले
पंख ना हों लेकिन कल्पना की उड़ान तो है.
Bachha bhi achha hai aur pictures bhi...
बहुत खू़बसूरत...
इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
पंख ना हों लेकिन कल्पना की उड़ान तो है.
ReplyDeleteBachha bhi achha hai aur pictures bhi...
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