Wednesday 13 August 2008

मयखाने में आग का दरिया

- 'आग का दरया' ये हमारे यहाँ की मशहूर नाव्लिस्ट कुर्तुलुन आपा के नाविल का भी नाम है जिसे एक ज़माने में गियान पीठ अवार्ड से नवाज़ा गयानाविल में ज़ाहिर है 'आग का दरिया ' एक सिम्बोलिक इमेजेरी है ,मगर एक असल आग का दरया भी है जिसका के नाम दर्याए -सिंध है जो इस नक़्शे में एक नीली लकीर खेंच के दिखाया गया हैअगर आप अक़ल के अंधे नाम नैनसुख नहीं हैं तो साफ़ समझ सकते हैं के ये पाकिस्तान की लाइफ लाइन क्यों है ? ये नक्शा, जिसमे के पड़ौसी कब्ज़ाये हुए कश्मीर को अपने वालिद की जागीर दिखाता है, हमें ये साफ़ बताता है के बाकी कश्मीर पे उसकी नीयत डोलने की असल वजेह क्या है और तमाम ''शामे ग़ज़ल '' और ''शब् कव्वालियों '' और मैचों ,जिनके फ्री- पास झांपने के लिए दोनों तरफ़ के लोग काफ़ी बेचैन रहते हैं , से कोई सुधार क्यों नहीं सकतालोग पाकिस्तान से आकर लिखते हैं बिल्कुल वही लोग ..,वही खान -पान और वही पहेरना ओढ़ना और तो और वही गालियाँ भी ,हैरत है फिर भी क्यूं लड़ते है? ये पोस्ट उन्हीं के लिए है

3 comments:

  1. दर्या-ए-सिंध के इस महत्व के बारे में पहली बार पता चला। जानकारी का शुक्रिया।

    ReplyDelete
  2. आभार जानकारी के लिए.

    ReplyDelete
  3. Arey bhai ladte to log ek ghar me bhi hain aur ek-doosre ke khoon ke pyaase bhi hote hain phir do padosi mulkon ki to baat hi kya. khaan paan ya pahnaava ek hone se iska koi sarokar nahin.Sab kuchh nihit swarthon ke chalte hai.

    ReplyDelete