Monday, 21 July 2008

जम्बू द्वीपे..भरतखंडे .......

जम्बू-द्वीपे...भरतखंडे...देहली नगरस्य ...रिठाला ग्रामे ...निकटम अवस्थिते ...मेट्रो वाक् माले .........श्रावणमासस्य प्रथम दिवसे..............................अर्थात् हे मन तू इधर-उधर व्यर्थ के क्रिया कलापों में उलझा इस दुर्लभमनुष्य जन्म को क्यूं गंवाने पे तुला है ..तू अब यथा शीघ्र मेट्रो वाक् माल की ओर उन्मुख हो जहाँ राजधानी के नव- धनिक- वणिक चौर्य एवं उत्कोच आदि श्रम साध्य विधियों द्वारा अर्जित मुद्रा को मक्दोनाल्ड प्रभृति पाकशालाओं में उपलब्ध उपादानों को भकोसते हुए होम कर रहे हैं एवं खंजन नयना कोकिल- बयना तरुनियाँ वान- हयूसन एवं डीज़ल आदि के न्यूनाल्प वस्त्र- विन्यास द्वारा देश की वस्त्र समस्या को हल कर डालने में रत हैं.. ....क्या कहा ? श्रवण मास का आरंभ किंतु जुलाई का तो अंत हैऔर जेब खाली है ? अबे भो... के तो देखने पे टैक्स थोड़े ही है------------

9 comments:

  1. चलिये हमने देख लिया बिना टेक्स के !!

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  2. चलिये हमने देख लिया बिना टेक्स के !!

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  3. चलिये, आपकी बदौलत हमने भी देख लिया मेट्रो वाक..अच्छी तस्वीरें हैं.

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  4. भाई ये रिठाला ग्राम दिल्ली के किस इलाके में है?

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  5. मनीष भाई, मैं तो मुनीश जी से यह पूछ रहा हूं कि ये दिल्ली किस इलाके में पड़ती है. यानी मेरे घर / क़स्बे / नगर (/ किंवा ग्राम) से कितने योजन की दूरी पर अवस्थित है.और यहां पर प्लास्टिक का आज का रैट क्या चल रहा है.

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  6. Ashok pra ji da vi koi tod ni haiga!
    Manish bhai ye ISBT se metro dvara 25 minute ki doori par hai aur mere ghar se 1k.m. par hai . ao kabhi.

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  7. Ap sabhi ko main agli Blogger meet ke liye vahan bula raha hoon. Date ap sab tai kar lein.

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  8. मालों से आपका मोह कुछ लव-हेट का सा लगता है. हेट का इशारा तो आपने किया ज़रा ढँके हुए लव पर से भी परदा हटाएँ.

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  9. अहोभाग्यम - मॉलम शरणम गच्छामि , बीयरम शरणम गच्छामि.... - एक मॉल हमारे गाँव में भी है - वहाँ "पार्टनर" की शूटिंग हुई रही [:-)] यो बात अलग सै बाऊ के हमने ना देक्खी [:-)]

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