Friday, 27 June 2008

मयखाने में बत्तखबाज़ी !

दिल्ली के जिस इलाके में नाचीज़ का आशियाना है वहां से महज़ तिहत्तर कदम पे वाक़े है एक सरकारी बाग़ जिसे खासो-आम सभी जापानी पार्क बुलाते हैं , शायद जापानी इमदाद से इसे तशकील दी गई इसीलिए! बारिश के देवता इन दिनों दिल्ली पे मेहरबान हैं सो इस में पायी जाने वाली एक झील पानी से लबा- लब देखी जाती है और इसी मौज में कुछ बत्तखों ने इसे अपना आशियाना कर रखा है , जो तहज़ीबो -तमद्दुन से दाना चुगती हैं, तैराकी के मज़े लूटा करती हैं और हर आने जाने वाले की दिलकशी का मंज़र बनी रहती हैं। इन बत्तखों को देखता हूँ तो पाँचवे दर्ज़े में साइंस की किताब में पढ़ी ये जानकारी याद आती है के बत्तख पानी में तैर पाती है चूंकि इसके पैर झिल्लीदार हैं सोचता हूँ के ये और ऐसी तमाम जानकारियाँ स्कूल में पाके हमने क्या हासिल किया , चूंकि इस बात से तो मेरी पगार में इज़ाफा होता है और ही ये सुनने कोई परीज़ाद दोशीज़ा मुलाक़ात को बाग़ में कभी आयेगी अलबत्ता इन हरी-भरी तस्वीरों को देख के शायद कोई आन मरे बस इसी उम्मीद से ये यहाँ छापी जाती हैं ,आप भी देखें तो ये घिस जायेंगी!

13 comments:

  1. यह जन्नत दिल्ली के किस कोने में है दोस्त? यह भी बता देते… दिल्ली का बशिंदा होकर मैं अभी तक इस जन्नत से महरूम हूँ। :(
    शुभम।

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  2. मुनीश जी इतने अच्छे चित्र के लिए धन्यवाद

    @महेन जी
    ये दिल्ली के पश्चिम में रोहिणी का इलाका है.... जापानी पार्क में शाम को नए जोडो और कुछ दोस्तों से गुलजार रहता है. मेट्रो और बस के जरिये यहाँ पहुँचा जा सकता है....

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  3. मुनीश बाबू,

    जब हम रोहिणी आपके दर पे आये थे तब हमें रूसी सुफ़ैद आब से फ़ुरसत नहीं मिली थी. चलिये बिलाग के बहाने हिन्दोस्तानी हरियाली में जापानी सुफ़ैद चुड़िया दिखा के आपने हमारी नाकारी के अहसास को थोड़ा कमती किया है.

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  4. Take just 800meters walk from Rohini West metro station and enjoy.

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  5. This is a ploy to invite u again sir ji!

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  6. इस पार्क के बारे में कभी हमने भी लिखा था  यहॉं पर
    बाकी मुनीश भाई इस तिहत्‍तर कदम की यात्रा में चवालीसवें कदम पर नजर घुमाएं तो हमारा भी गरीबखाना नजर आता है कभी तशरीफ लाएं। :)

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  7. matlab ye to kamal ho gaya ji ! apne apartment ka pata-ata bhi to batavven.

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  8. मतलब पार्क पर पहुँच कर फोन घुमाया जाये तो मुनीष जी के साथ साथ मसिजीवी जी से भी मुलाकात हो लेगी और पार्क तो घूम ही लेंगे. बेहतरीन तस्वीरें.

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  9. हम आ गये हमने तस्वीरे देखी भी ये घीसी भी नही पर आपने सस्ते शेर की महफ़ील को अलविदा कब से कह दिया सर जी !!

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  10. बीच शहर में ईतनी हरियाली....बहुत खूब।

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  11. delhi mein aur bhi khoobsoorat aur aiyihasik jagahen hain,unke bhi darshan karayen.
    http://chavannichap.blogspot.com/

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  12. Munish Sahab,
    Umda post hai. Aapki zabaan par qudrat ne khusuusi taur par mutavajjeh kiya. Ap aapke maykhane ka address bhi note kar liya hai, aana jaana laga rahega....

    Khairandesh
    Adnan

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  13. वाह - चिड़ियाएं उडी नहीं [ :-)] ?

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