Wednesday 28 May 2008

मयखाने में एक घुड़-सवार फिरंगन

Collier का ये मास्टर- पीस दुनिया के कई शराबखानों की दीवारों की ज़ीनत बना रहता है । वजह, कद्रदान फरमाते हैं की इस घुड़सवार फिरंगन की बेदाग -ओ- शफ्फाफ जाँघों और उसकी मखमली ज़ुल्फ़ों की तारीफ करते हुए सिंगल- माल्ट का हर क़तरा एक अलग ही सुरूर देता है । मैंने ख़ुद कभी इस पेंटिंग को एक आम nude, गो कि क्लासिक, से ज़ियादा तवज्जो नहीं दी। फ़िर भी इसके सुरूर से इनकार करना तो मुठ्मर्दी होगी । उस रोज़ जब अपने अज़ीज़ Major किशन्पाल के ड्राइंग-रूम में मैंने ये तस्वीर देखी तो ऐतराज़ दर्ज करने से ख़ुद को रोक न सका। इस पर उसका ज़बरदस्त फौजी ठहाका देर तक दरो-दीवार को गुन्जाता रहा और उसने साक्षी को आवाज़ देकर वहीं बुला लिया । Major की हमशीरा साक्षी J.N.U के Art & Aesthetics डिपार्टमेन्ट से स्कोलरशिप लेकर western classics पर रीसर्च कर रही हैं। इस तस्वीर कि बाबत उन्होंने जो कुछ बताया उसने मुझे शर्मसार कर दिया। दरअसल ये औरत है Lady Godiva जो १४वीन् सदी में इंग्लैंड के कोवेंट्री क़स्बे में रहा करती थी और क़स्बे के मालिक duke की शरीके हयात थी। कहते हैं की duke बहुत जल्लाद किस्म का आदमी था जिसने अपनी रिआया पे बेशुमार tax आयद कर रखे थे । Godiva ने कई मर्तबा अपने खाविन्द से इल्तिजा की के वो इतना ज़ियादा टैक्स न लगाए मगर उसकी एक न सुनी गई । Godiva बहुत नर्म दिल औरत थी सो उसने कहना जारी रखा और एक रोज़ उसके शौहर ने तैश में आके कह दिया के ठीक है रिआया का लगान माफ़ कर दिया जायेगा ब-शर्ते तू अपने तमाम कपड़े उतार कर घोडे पे सवार हो और इस कसबे का एक चक्कर लगाये । कहते हैं उस नेक औरत ने अपनी रिआया की खातिर ऐसा भी मंज़ूर किया। जब रिआया ने उसका ये फ़ैसला सुना तो सब लोगों ने अपने दरवाज़े खिड़कियाँ बंद कर लिए ताकि भूले से भी उनकी नज़र अपनी मालकिन के जिस्म पे न जाए । सिर्फ़ टॉम नाम के एक बदमाश दरज़ी ने दरवाज़े के सुराख़ से उसे देखने की कोशिश की मगर इस पाप से उसकी जान चली गई । आज भी तांक-झाँक करने वाले को पीपिंग-टॉम इसीलिए कहते हैं ।बहरहाल उसके शौहर की काफ़ी थू- थू हुई और उसे रिआया के साथ नरम होना पड़ा। कोवेंट्री शहर में आज भी उस याद में हर साल एक जुलूस निकलता है जिसमें उसी तरह कोई लडकी ,मगर झीने लिबास में, घोडे पे सवार होती है। उस रहमदिल औरत की याद में उसका एक बुत भी उस शहर में लगाया गया है । ये जानकारी लेकर मैंने महसूस किया कि वाकई भाव तो देखने वाले कि आंखों में होते हैं । इस अलफ नंगी, घोडे पे सवार औरत को आप भी जब देखें तो उसी इज्ज़त से देखें जिसकी वो वाकई हक़दार है । Major का वादा है के वो जैसे भी हो उस जुलूस कि तस्वीरें हमें फराहम करायंगे जो कोवेंट्री में निकलता है। इंशा अल्लाह आमीन!

13 comments:

  1. गुरु, 'सस्ता शेर' को यहाँ मत ले आओ. फ़ोटू देख कर तो दिल में अब भी वही भूले हुए ग़म आते हैं!

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  2. मेजर किशनपाल और उनकी बहन साक्षी ने आपके समक्ष लेडी गॉडिवा का संदर्भ स्पष्ट करके हमें एक बार फिर चीज़ों को कॉंटेक्सुचलाइज़ करना सिखाया है. उम्मीद है मयख़ाना आनेवाले दिनों में इसी तरह की नायाब बातों का मंच बनेगा. इससे क्षणजीवियों को अपने गरेबान में झाँकने का मौक़ा मिलेगा.

    आप जो भाषा लिखते हैं उससे भी पता चलता है कि आप हिंदुस्तानी साहित्य की परंपरा का कितना सम्मान करते हैं.

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  3. Vijay ji itz all there in d' mind itself. And let me also tell u dat its by no means cheap. If u consider even the price of original work it wud give u a shock bigger than my post!!

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  4. That's brilliant. Too good a post. And Sir, your language .... simply superb.

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  5. Meet bhai , dear dada Ifaan,

    Thanx for understanding what i meant to say varna to vahi''.....zuban mili hai magar humzubaan nahin milta". Ur comments are saving grace of my blog !!

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  6. "अच्छा है! बहोत अच्छा! भर दे पेटी में और भेज दे मूसा के पास! आज बोला काम बन्द करने का, कल बोलेगा एरिया छोड़ के जाने का! ..." - फ़िल्म 'परिन्दा' में अन्ना (किरदार नाना पाटेकर ने निभाया था)

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  7. सच्चा वाक़या है साहब मगर ये भी खद्षा लगा रहा के कहीं चुतियापा न हो जाए । आपने मोहर लगा दी बस अब क्या है दुनिया मेरे घंटे पे!

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  8. बहूत खुब !!
    एकदम सच्चा !!

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  9. tumhari kami khal rahi thi Deepak babu. Khushamdeed.

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  10. वाकई भाव तो देखने वाले कि आंखों में होते हैं. इस तस्वीर की पीछे छिपी कथा को सुनने के बाद सिवाय श्रृद्धा के और कौन से भाव उठ सकते हैं.

    पीपिंग-टॉम शब्द की उदगम जानकारी पहली बार लगी. वाकई, एक लाजबाब पोस्ट. बहुत बधाई एवं साधुवाद देता हूँ मुनीष भाई. आपका कहने का अंदाज भी बहुत भाया.

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  11. इस चित्र के पीछे छुपी इस जानकारी को हम सबके साथ बाँटने के लिए आभार !

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  12. खुशी हुई जानकर कि कोइ तो है जो हमारा इंतजार करता है ॥

    धन्यवाद

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