Wednesday, 7 May 2008
आज अलीगढ़ : धड़ा -धड़ !!(reprint)
FROM THE ARCHIVES---
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन की एक दीवार पे लिखी इबारत
ऐ.ऐम.यू : काश अलीगढ़ वाले अपने शहर को भी इतना साफ रखते
फैज़ दरवाज़ा : कहाँ गए वो लोग
" न तो चोरी है ,न तो डाका है ; ये तो एक धमाका है
धमाके में आवाज़ भी है , एक सोज़ भी है इक साज़ भी है"
कहिये शिरिमान ! आपका क्या विचार है ?
रंग -रोगन का इश्तेहार ? जी नहीं ये है लायब्रेरी
चली आना तू पान की दूकान पे साढे तीन बजे !
हम प्रेमी प्रेम करना जानें ,प्यार के दुश्मन को हज़ारों में पहचानें
इक नसीहत ब-ज़रिये -- अलीगढ़ रेलवे स्टेशन
चौक- मस्जिद : रात आठ बजे
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hi,
ReplyDeleteits an excellent move . abeautiful blog , only a yayabar u can say a travellor can understand the local spirit and their culture.
go ahead !
thanks
vinod mishra
घर बैठे बैठे ही अलीगार्ह घूम लिया.. धन्यवाद.. बढ़िया ब्लॉग है आपका
ReplyDeleteभोतई तारीफ का काम किया हे ।
ReplyDeleteमगर हमारा भो-पाल होता तो ओर भी भेतरीन
तस्वीरें आतीं ।
अल्ला क़सम सई के रिए हैं ।
नईं मानते तो जाकर देख लो हें ।
Fantastic Work. Go ahead :)
ReplyDeleteकुछ चाभी-ताले लाए हो बाबूसाहेब अलीगढ़ से या बस फ़ोटुकें खेंचने में लगे रये.
ReplyDeleteअच्छी तस्वीरें जमाई हैं वैसे आपने.
चापलूसी का शौक़...ग़ज़ब है..बात हमारे दिल में ही रही थी..पहली बार तख़्ती पर लिखा देखा..मज़ा आया.
ReplyDeleteMAZA MUJHE BHI AAYA AP SABKO YE FOTO DIKHAAKE. YUNUS MAIN EK DAFA ARMY SSB KE VAASTE BHOPAL GAYA THA MAGAR NA TO TAB CAMERA THA NA PC AUR NA HI BLOGGING TAB TAK SHURU HI HUI THI.
ReplyDeleteASHOK BHAI MAIN ALIGARHI PAIJAAME AUR ALIGARHI DESI TAMANCHE KI BHI TAREEF SUN AAYA HOON.
munish jee
ReplyDeleteयाने आप भी हमारी तरह army ssb के रेजेक्टेड माल है ! कोइ फ़िकर नही जी अमित जी और अब्दुल कलाम जी भी वहा से रिजेक्ट हुये है "
आपकि होलिडे एक्स्प्रेस बिल्कूल ट्रेक पर है " क्या बात कही है चापलुसी पर !!
right Deepak, but i am fortunate that i got a chance to attend a war alongwith army personnel in summer of '99 . someday we'll talk about that perhaps.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा,आपको पता है,मेरे कई relatives हैं जिन्होंने एएमयू में पढाई की है,देखने का शौक मुझे भी है,चलिए ,पूरी नही थोडी ही सही,तश्नगी (प्यास) आपने मिटा दी ,थैंक्स
ReplyDeletethanx rakshu ji! this comment box feels honoured to have u here.
ReplyDeleteoho ghumantraam jee - aligarh ke pajame kahan gaye bhai ? - since every one seems to be remebering ssb days - i would like to place on record that i did clear one number ssb but was medically rejected - in bangalore - that was 25 years ago - for the record i failed the next one in alahabad - manish
ReplyDeletep.s. - do i have to agree with you [ :-)]?
i agree never to disagree with u sir ji!
ReplyDeleteबहुत सुंदर. आपके चित्रों ने मन मोह लिया.
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