Saturday, 26 April 2008

रांची : ब - ज़रिये पोस्टर -बाज़ी औ' साइन बोर्ड साज़ी

ये सभी तस्वीरें खाकसार ने हाल में अपने रांची-प्रवास के दौरान खेंची हैं । ये ख़ुद बोल रही हैं सो हम क्या बोलें?

9 comments:

  1. तो आपने भेज खाया या नन भेज?

    मस्त काम लाए हैं भाई.

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  2. होटल कैपिटल रेज़िदेंसी वालों ने कमरा नम्बर ३११ वाले आदमी को पीने से ही मोहलत न दी सो खाई बस हवा जो काफ़ी गरम थी.

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  3. फोटुएं अच्‍छी हैं । साइनबोर्ड बाज़ी अपना भी शग़ल है ।

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  4. हा हा, ये भेज और नान भेज तो हर शहर में मिल जाएंगे। फिलहाल हमारे शहर राँची में करेला छाप से लेकर कोहड़ा छाप के पोस्टर जगह जगह भरे मिलेंगे। हाल ही में वर्षों बाद नगर निगम के चुनाव जो हुए हैं।

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  5. okay maneesh , but what disappointed me there was the very miserable state of a circle named after Paramveer chakra winner Abdul Hameed and it was just called Kanta-Toli chowk by every body . Another circle named after the great war hero Albert Ekka was in a better shape, but people just called it Firaya Laal Chowk . seems Ranchi people don't know how to honour our great war heroes. what a shame!

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  6. specially for last hording..

    जिसने इनको भेजा क्या इनके भेजे मे भेजा नही भेजा !तुस्सी ग्रेट हो जी ,पोस्टर भी ग्रेट है ! अब हम समझे तुस्सी ब्लाग दी गड्डी विच ब्रेक क्यो लगा दीता सी !

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  7. these are all small things to appreciate which we need a big heart Deepak. thank u all .

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  8. बन रहा है भाई मयखाना - चुटिया थाना से भेज खाना तक

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  9. ऐसा प्रतीत होता है कि आपकी यात्रा बहुत ही अच्छी रही. फोटो बहुत ही सुंदर है.

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