Thursday, 17 April 2008

दगशाई ( एक पुरानी यात्रा की तस्वीरें)

Dagshai! दिल्ली सेकरीब ३१० किलो मीटर दूर १९०० मीटर कीऊँचाई पे मौजूद ये भी हमारा एक पसंदीदाहिल स्टेशन है जिसे हमने किसी किताब या वेबसाईट की मदद से नहीं बल्कि ख़ुद की अवारागी से ढूँढा है । जांबाज़ गोरखारेजिमेंट का एक गढ़ होने के नाते ये अनाजाना भी नहीं है मगर सैलानी यहाँ कम ही आते हैं । हालांकि येदिल्ली-कालका-शिमला सड़क पर बहुतआसानी पहुँचने लायक है मगर कोईहाट-बाज़ार या चमक-दमक न होने की वजेहसे यहां वो सुकून अभी भी बरकरार है जोकिसी ज़माने में शिमला में हुआ करता थामसूरी में भी होता था ! दिल्ली के नीओ -रिचपंजाबी -बिजनिस्मन ने जिस तरेह नैनीतालमसूरी और शिमले का मठ मारा है इसकाभी मार ही देना था जी मगर छावनी होने केनाते बस ये बचा रह गया है । उम्मीद करता है मयखान्वी की आप भी जब वहां जायंगे तो उसे उतना ही साफ-ओ शफ्फाफ छोड़ करआयेंगे जितना वो आपको मिला था !

7 comments:

  1. आपकी आवारगी का जवाब नहीं.

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  2. बहूत सही है !! बाइदवे ये मुर्गीया डीनर के लिये तो नही थी ना !!

    देखिये मेनका गाँधी पिछे पडी रहती है !

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  3. कमाल की कौड़ी ढूंढ के लाये मयखान्वी - दूर भी नहीं है दिल्ली से - खूब - मनीष [वैसे अगर हम साफ छोड़ कर नहीं गए तो बन्दर टूट पड़ेंगे]

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  4. बहुत सुंदर तस्वीरें.

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  5. thnx friends! pls. try gin in lichi juice there. buy this juice from any road side kiosk in himachal and buy ur gin from chandigarh.

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  6. DEEPAK BHAI TO RUM SE KUM MEIN NA OUT HONE VAALE !

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