Friday, 19 February 2010
मयखाने में ग्रेगरी बरक्स देव
पुराने दिनों के हिंदी सिनेमा को सोचिये तो एक पूरा ज़माना दिलीप कुमार , राज कपूर और देव आनंद के नाम लिखा पाते हैं और इनमें भी देवानंद तो आज तक सक्रिय हैं । हॉलीवुड स्टार ग्रेगरी पैक से देव आनंद की खूब तुलना हुई है हालांकि ग्रेगरी पैक की फिल्मों का मिज़ाज काफी अलग रहा और कद-काठी में भी देव साहब पे वो भारी पड़ते हैं । एक वक़्त में ये भी खूब लिखा गया कि सुरैय्या ग्रेगरी पैक पे मरती थीं मगर वो पहुँच के बाहर थे सो देव में उनको ढूँढती थीं और देव आनंद को ये बात मालूम थी सो इश्क तो लड़ाया पर शादी नहीं की सुरैय्या से! बहरहाल , बात जब अंदाज़ की आती है तो देव आनंद आज भी २० मालूम देते हैं । मैंने ग्रेगरी पैक की 'रोमन होलीडे', 'गन्स ऑफ़ नेवारोन ' , ' ला दोल्ची विता' देखी हैं और इन सब फिल्मों में जान है मगर यही कहूँगा के देव साहब अपने तमाम लटके झटके के बा-वजूद जिस तरह 'हम दोनों' में एक फौजी का डबल -किरदार निभा ले जाते हैं वो किसी हॉलीवुड वाले के बस की बात नहीं । हालांकि ये तुलना बेमानी है चूंकि हॉलीवुड की एक्टिंग में 'अदा' नाम की वो चीज़ कहाँ जो यहाँ के पुराने एक्टर्स का ट्रेड-मार्क रहा है । मिसाल के तौर पे फिल्म 'हम दोनों' के इस गीत में देखिये मूछों वाला फौजी अफसर किस तरह गिलास उठाता है .....कोई और इस जगह होता तो लोग हंस कर दोहरे हो जाते मगर ये देव आनंद की अदा है की हम कन्विंस हो जाते हैं और मेरा ख़याल है आप भी ...क्यों ?
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अय हय!
ReplyDeleteमौज बांध दी.
देव साहब की अदा निराली...
ReplyDeleteदेव सहाब भी समझ आये और उन्का ग्लास उठाना भी /
ReplyDeleteदेव सहाब का gregory peck से resemblence भी समझ आया और सुरय्या का उन पर मरना भी /
तमाम बाते good length पे है,बस एक bouncer समझ नही आया कि--
नीचे लबेल्स मे -कबूतरबाजी--क्यो है?
torch फ़ेकेन्गे !?
Thnx for sharing one of my favourites !
ReplyDelete@abcd-- TORCH:- Generally art loving people talk heavy stuff here so i myself labelled it 'kabootarbaazi' to honour their concerns which are definitely not mine.
aapke blog par aaj pahli baar mera aana hua hai...
ReplyDeleteaakar dekha to sab kuch meri pasand ka laga..
dev sahab ki 'ada' ho aur rafi sahab ki awaaz ho to fir shaam haseen ho gayi hamari..
aur shukriya ke haqdaar aap hue..
bahut khoobsurat andaaz-e-bayaan rahi aapki..
fir ek baar shukriya...