Thursday 18 February 2010

जयपुर : कुछ और छवियाँ --2

जयपुर गए हो गए - महीने कुछ तस्वीरें छाप चुका , कुछ और साझा करनी हैंये आमेर , नाहरगढ़ और झील जयपुर में अब भी हैं मग़र कभी इनमें रहने वालों के वंश-धर अब शहर के बीच सिटी -पैलस के एक हिस्से में रहते हैं ; बाक़ी में म्यूज़ियम और रेस्त्रों चलता हैमहल, दुमहले और क़िले -परकोटों में होटल बिज़नस गरम है और इन्हें बनाने वाले राजे-महाराजे अमर-चित्र कथा कॉमिक्स में कभी-कभार दिख जाया करते हैंक्या ये दुनिया, क्या जवानी ......सब है साली फ़ानी ! क्यों जी मैं कोई झूट बोल्या , कोई कुफर तोल्या ?

6 comments:

  1. सुन्दर मनोहारी चित्र.

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  2. वाह हमारी जयपुर यात्रा की यादें ताजा हो आयीं।

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  3. Fantastic p/gs ..... So, you've been gallivanting around the globe ....... great.

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  4. Kamlesh Bhaisahb ki pics sahi hain...

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  5. मस्त चित्र,
    खासतौर से कैमरा मस्त है.

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