Sunday, 6 September 2009
परबत के पीछे चम्बे दा गाँव .......
"परबत के पीछे चम्बे दा गाँव , गाँव में दो प्रेमी रहते हैं ......." इस गीत की मिठास पर भला क्या शक हो सकता है मगर चम्बा का नाम लीजिये तो लोग अक्सर हिमाचल प्रदेश के चम्बा को ही याद करते हैं ! हुज़ूर एक चम्बा उत्तराखंड में भी है जो दिल्ली से महज़ ३०५ किलोमीटर दूर है और खूबसूरती में हिमाचली चम्बा को टक्कर नहीं देता तो कोई निराश भी नहीं करता ।समुद्रतल से ऊंचाई है करीब ६५०० फीट , ऋषिकेश से इसकी दूरी है नब्बे किलोमीटर के करीब और मसूरी से ५५-६० किलोमीटर । सबसे करीबी हवाई अड्डा है जोली ग्रांट ; देहरादून जो ९० किलोमीटर पड़ता है और नज़दीकी रेलवे स्टेशन है हरिद्वार! यहीं चम्बा के पास में कानाताल भी है और मसूरी भी । मसूरी के दिन लद गए मगर इस से पहले की चंबा भी प्लास्टिक और बेढब साइन - बोर्डों में गर्क हो जाए ,आप भी हो आइये हमारे इन दोस्तों की तरह ....मगर हाँ नो पोलीथीन प्लीज़ !
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Headline se main ise HP wala hi samjha tha.Video ke aalava alag se chitra hon to unhein bhi upload keejiye.
ReplyDeleteचम्बा उत्तराखंड भी आपके सौजन्य से देख लिया..आभार मित्र.
ReplyDeleteयह गीत तो मुझे भी बहुत पसंद है। और जैसा आपने कहा कि पहला ख्याल हिमाचल के चम्बा का आता है तो वह एकदम सही बात कही है आपने। मुझे नहीं पता था कि एक और चम्बा है।
ReplyDeleteजोली ग्रांट में अपने एक दो दोस्त है जी...मेडिकल कॉलेज में .....
ReplyDeleteमुनीश जी,
ReplyDeleteयह गाने वाला चम्बा हिमाचल का है या उत्तराखंड का.
अभी लोडिंग चल रही है, थोडी देर में दोबारा आता हूँ.
मुनीश जी ,आपका धन्यवाद ....हमने तो सिर्फ समस्या समाधान के लिए कहा था ,आपने तो पूरे पोस्ट लिख दी ,,,,एक बार फिर धन्यवाद
ReplyDeleteचम्बा की बर्फीली वादियों में मजा आ गया.
ReplyDeleteबर्फ मैंने भी कई बार देखी है लेकिन दूर से ही, पास से कभी नहीं देखी .
चम्बे वाला गाना मुझे बहुत पसंद है। और ये यात्रा देख कर भी आनंद आ गया।
ReplyDeleteis post ne to bahut kuchh yaad dila diya...
ReplyDeleteachhi achhi wali post...pictures ho to unko bhi lagaiyega kabhi...
@ neeraj-कभी देखना बर्फ भी, पहले सर्दी तो आने दो यार ! गाने वाला चंबा हिमाचली है चाहे शूटिंग उसकी सिलीगुड़ी की हो !
ReplyDelete@डॉक्टर अनुराग --फ़िर तो आपका जाना बनता है जी !
@ शेफाली-- ये मेरा फ़र्ज़ था !
@ विनीता- तुम तो ख़ुद पहाडों में रहती हो सो तुम्हें पहाड़ दिखा कर कौन धौंस जमा सकता है भला ?
@ सतीश पंचम-- यानी मेरी पसंद सही है चूंकि इस गीत को पंचम सुर का अप्प्रूवल मिल गया !
@ मनीष -- यार तुम पहेलियों के उस्ताद हो फ़िर भी एक बार चकरा गए न ! हा,, हा !
ReplyDelete@ उड़नतश्तरी -- आप के साथ U.S. भी तो घूमना है , पोस्टों में सही !
@सुशील- सुशील भाई आपका आना बहुत खुशनुमा है !
बहुत सुदर है मुनीशजी। अच्छी जगह की सैर करा दी। शुक्रिया।
ReplyDelete@Ravindra Vyas- Beauty lies in the eyes of beholder sir !
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