कई साल हुए वहां गए जब मेरे पास एक अदद फिल्म रोल वाला हैप्पी- बर्डे कैमरा हुआ करता था . ये सफ़र तय हुआ था उस अदद कार में जो अब इतिहास में कहीं दफन हो चुकी है और ११० की स्पीड पर दौडाते हुए जिसका बोनट अचानक खुल कर ९० डिग्री पे खडा हो गया था . आज भी वो मंज़र याद करके होश फाख्ता हो जाते हैं . काफल और बाल मिठाई से मेरी पहली मुलाकात वहीँ हुई . काफल, फालसे जैसा बेरी टाइप का फल है और बाल मिठाई चोकलेटी बर्फी जैसी होती है . ये एक फौजी एरिया है और कुदरती नज़रों के अलावा यहाँ देखने को एक छोटी सी झील है और एक बड़ा सा म्यूज़ियम है . एक बहुत पुराना चर्च भी यहाँ है .अगर आप शांति से रह कर कोई ऐसी किताब पढना चाहते हैं जो घर पर नहीं पढ़ी जा रही तो ये एक बढ़िया जगह है . मनाली , किन्नौर और बद्रीनाथ में किताब साथ ले जाने वाले कीडे भी दुनिया में हैं मगर मैं किताब को गढ़वाल में इस जगह से आगे , हिमाचल में कसौली से आगे और कुमाओं में नैनीताल से आगे देखना तक पसंद नहीं करता चूंकि इसके बाद तो कुदरत की किताब के सबसे हसीं सफे एक के बाद एक खुलते ही जाते हैं . टॉमस हार्डी की' जूड दे ओब्स्क्योर' मैंने यहीं पढी . फोटो में नज़र आ रहे लोग वहीँ के फौजी भाई हैं जिनके यहाँ मैं मेहमान था . अथ फोटू दर्शनम् -----
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बहुत रोचक। वैसे मेरे कुछ मित्र हाल ही में पूणे एक्सप्रेस वे से जा रहे थे 150 की स्पीड से, गाना बज रहा था दिल चाहता है.....कभी न भूलें ....रंगीले दिन...
ReplyDeleteइसी 150 की रफ्तार पर एक सुरंग में कार ने प्रवेश किया । और....टायर बर्स्ट । गाडी घूमकर 180 डिग्री पर आ गई।
पीछे से आ रही गाडी वाले का शुक्र है जो उसने हल्का कट मारते हुए गाडी निकाल ले गया और संगीत बजता रहा....दिल चाहता है...कभी न भूलें ये ......चमकीले दिन.....।
bahut sundar
ReplyDeleteलांस डाउन का यात्रा वृत्तांत रोचक रहा और फोटू भी
ReplyDeleteरोचक !
ReplyDeleteलैंसडाऊन नाम भर बस सुना था आज देख भी लिया।पुरानी गाड़ी का ज़िक्र किया तो मैने अनुमान लगाया था कि फ़ियेट होगी।मैने भी कल ही कार मे टायर बदले हैं पिरेली कं के टायर की तारीफ़ उसके कैलेंण्डर की तारीफ़ बताकर की गई।टायर तो मेरी गाड़ी के ठीक ही थे मगर बरसात मे रिस्क नही लेना चाहता था पंक्चर-वंक्चर का।साला जैक तक़ नही लगता है ठीक से।वैसे हैप्पी बर्ड़े कैमरे की तस्वीरे गज़ब की हैं।
ReplyDeleteWoW !!! Maza aa gaya...
ReplyDeleteमन ललच गया। बड़ा आनन्द लिया आपने। बधाई।
ReplyDeleteमस्ती!!!
ReplyDeleteअभिव्यक्ति का मोहक अंदाज़!
बहुत मस्त फोटो दिखाए ...मज़ा आ गया
ReplyDeleteपहला फोटो- लैंसडाउन से दो किलोमीटर पहले
ReplyDeleteदूसरा फोटो- पता नहीं
तीसरा फोटो- भुल्ला ताल
चौथा फोटो- शौर्य द्वार
पांचवा फोटो- पता नहीं
छठा फोटो- पता नहीं (बैक ग्राउंड होती तो बताता)
सातवां फोटो- रेस्ट हाउस
आठवां फोटो- टिप इन टॉप
नौवां फोटो- टिप इन टॉप ही होगा
दसवां फोटो- चर्च
ग्यारहवां फोटो- ग्यारहवां फोटो तो है ही नहीं.
Thank u all readers. If i can inspire u to visit the places please do tell me about ur experiences . u are most welcome to know the details of place.
ReplyDeleteNeeraj ur guess is correct. The fotoz u couldn't recognise were taken on road to Lansdowne.
क्या आबो-हवा हैं लेंस डाउन की साहब... याद दिलाने के लिए शुक्रिया मुनीश भाई!
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