चकराता जाना हो तो सबसे बढ़िया है के आप कालसी गेट से ही प्रवेश करें मगर चकराता 41kilometer बताने वाले बोर्ड की बजाय यमुनोत्री 142 km बताने वाले बोर्ड के मुताबिक सीधे हाथ मुड़ जाएँ . थोड़ी दूर बाद एक पहाडी T पॉइंट मिलेगा . यहाँ से सीधे हाथ सड़क यमुनोत्री को चढ़ गयी है और उल्टे हाथ बैराठ (विराट) खाई को मुड़ गयी है . आप बैराठ खाई वाली सड़क पकडें . ये सड़क सबसे सुगम है और लौटते हुए हम इसी से आये . बच्चों के साथ जा रहे हैं तो स्नो व्यू या उत्तरायण में रुकें . बाकी होटल शुभम सर्वाधिक उत्तम है चूंकि यहाँ खाना आपको बढ़िया मिलेगा मगर बाज़ार से ज़रा दूर है और यही इसकी इकलौती कमी है . हम यहीं रुके . इस होटल के सामने सूखी पहाडी पर चढ़ कर चोटी पर समतल मैदान का मज़ा लिया जा सकता है और गोल्फ कोर्स का मनोरम व्यू यहाँ से मिलता है . चीनी खाने के शौकीन शेरपा रेस्तरों जा सकते हैं . गाडी में तेल भर कर चलें वर्ना यहाँ आपको किस विधी से पेट्रोल भरना होगा ये चित्र देख कर जान लें . इस तरेह के तेल में ज़ाहिर है मिटटी के तेल की गुंजाईश बनी रहती है . चकराता एक फौजी छावनी है और कभी-कभी इसके जंगल और पहाड़ सिविलियंस के लिएनिषिद्ध घोषित हो जाते हैं . ऐसा तब होता है जब यहाँ युद्धाभ्यास होता है . लेकिन tiger fall अथवा देवबन पर इसका कोई असर नहीं होता और आप आराम से जा सकते हैं . देवबन देवदार के सुन्दर पेड़ों से घिरा विशाल मैदान है मगर वहां अनुभवी ड्राइवर को ले जाना ही ठीक है .सैनिक इलाके में फोटोग्राफी न करें . यहाँ के गाँव वाले गढ़वाल और कुमाओं से काफी अलग हैं और बहु पति प्रथा यहाँ आज भी मौजूद है . अपने विदेशी मित्रों के साथ वहां न जाएँ चूंकि उनके लिए ये इलाका बंद है . पानी को व्यर्थ न बहायें और जलती सिगरेट तथा प्लास्टिक के बारे में तो आप पढ़े-लिखे होने के नाते सावधान रहते ही हैं . बाकी सब ठीक है , मौज दो मौज लो ना मिले तो खोज लो !
Achhi jankari di apne...
ReplyDeletePicturs bahut achhe hai...
मौज दो मौज लो ना मिले तो खोज लो ! ye idea sabse achha hai...
बहुत दिलचस्प वर्णन और नयनाभिराम चित्र...और क्या चाहिए...वाह...
ReplyDeleteनीरज
मुनीश जी, मजा आ गया, बस जरा ये और बता देना कि होटल में सबसे सस्ता रूम कितने तक में मिल जायेगा. अभी पता चल जायेगा तो वहां जाकर मोलभाव करने से बच जायेंगे.
ReplyDeleteuttrayan-700 &500
ReplyDeletesnow view-1400 & 800
shubham-400 &7oo
Better u ring me up before going .
बहुत बढ़िया घूमना तभी सार्थक है जब वहां पर हर चीज को सकरात्मक ढंग से ले कर एन्जॉय किया जाए ..यह जगह नोट कर ली आपके इन वर्णन के बाद ..कभी अवश्य बनायेंगे यहाँ का प्रोग्राम
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ReplyDeleteकिस दिन थे मुनीश जी आप बैराठ (विराट) खाई रोड पर, मैं १२ मई को खण्कंडी में था। यमुनोत्री रोड से मुडने के बाद लगभग १२-१३ किमी आगे। पर दोपहिए पर।
ReplyDeleteVijay bhai it was the afternoon of 10may2009.I went there with my friends in Maruti800.
ReplyDeletewaah bhai is chandni ne to man moh liya.
ReplyDeletebaaboo jI kI mauj
ReplyDeleteThank u all dear folks! Do go there someday!
ReplyDeleteबड़ी ही मनोरम जगह है. आनन्द आ गया चित्र देखकर और विवरण भी रोचक है. बहुत आभार साथ घुमवाने का.
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