नहींहैदिल्लीसेदूर , मज़ाभीहैभरपूर, दोस्तोठिकानेकानामहै --LANSDOWNE !नामअंग्रेज़ीमगर तासीरखालिसदेसी ! काफलऔरबालमिठाईसेहमारीपहलीमुलाक़ातवहींहुई।अरसाहुआवहांगएमगरपहाडीनदीखोहमें बीयर सूत के पड़ेहुएजोदुपहरियाँवहांगुज़रींवोभुलाएनहींभूलतीं ! एल्बममेंपड़ीतस्वीरेंभीधुन्धलानेलगींथींसोहमनेसोचाकेयारोंकेसंगज़रासाझाकीजाएं।वैसेब्लोग्वानीपेकुमाओंरेजिमेंटवालोंकीतादादज़ियादाहैमगर ''जयबदरीविशाल '' कहनेमेंवोभीउज्रनहींकरेंगेजोवीरगढ़वालिओंका समर घोष है। ।दरअसलयेजगहगढ़वालरायफल्सकेसूरमाओंकाट्रेनिंगसेंटरभीहैइसलिएसाफसफ़ाईऔरकायदेकानूनकेलिहाज़सेभीबड़ीअच्छीजगहहै।ज़ियादा ब्लोगिंगसेबीवीबच्चेखफाहोजातेबताये जारहेहैंगे।गर्मीभीपड़रहीहैसोअगलीहीफुरसतमेंदिल्ली-मेरठ -खतौलीहोतेहुएहोकेआओवहां , बड़ीमौकेकीजगहहै ,यादकरोगेहाँ ! रेजिमेंटका म्यूज़ियम , मन्दिर, पुरानागिरजाघरऔरछोटीसीझीलकुलजमायेहीहैदेखनेकोमगरमहसूसकरनेको बहोतकुछहैदोस्तों।ऊपरयेतस्वीरेंहमारेसाथियोंओ.पी. वर्मा , अभिनन्दनऔरजीतेंद्र कीहैंऔरहमभीपोज दे रहेहैंकहींकहीं। अगर इरफान इन तस्वीरों को स्कैन न करते तो हम उन्हें बीयर भी ऑफर न करते !चूंकि वो पीते नहीं हैं इसलिए उनसे पूछ लेना बनता भी है !असल में ये किस्सा पिछले साल मई का है मगर तस्वीरें हमने LANSDOWNE में ही धुल्वा कर इस हाल में पाया की जाने कब की हैं। ''
लैंसडाउन हमारा प्रिय गैटअवे है पर सक पहलर तस्वीर लैंसडाउन की नहीं जान पड़ती क्योंकि वहॉं एक मानवनिर्मित झील तो अब बना दी गई है पर नदी के लिए तो नीचे कोटद्वार में मालिनी तक आना पड़ेगा
dugadda se zara pehle hai raste mein , jugraafia apka bhi durust hai ! achche log hi kasauli aur lansdowne ko samajh sakte hain baqi to shimle aur mansoori de passenger hange ji !
जी कुमाऊं रेजीमेंट हो या गढ़्वाल रायफल सब अपने ही हैं जी. "जब बदरी विशाल"
ReplyDeleteकभी हमें भी ऑफर करें.पीते नहीं हैं लेकिन मना करना भी नहीं बनता ना.
भई ऐसी अच्छी जगहों पर जाकर तो आप कमाल करते ही हैं, नदियाँ बहाकर भी यारों को जलाते हैं. हम तो यही कहेंगे कि लगे रहिये.
ReplyDeleteऔर हाँ अगर तस्वीरों को बडा करके दिखाना चाहें तो तस्व्वीर पर डबल क्लिक करने का पुराना नुस्ख़ा ही है.
ReplyDeleteअरे यार kakesh आपके साथ तो रम ही चलेगी कभी !
ReplyDeleteलैंसडाउन हमारा प्रिय गैटअवे है पर सक पहलर तस्वीर लैंसडाउन की नहीं जान पड़ती क्योंकि वहॉं एक मानवनिर्मित झील तो अब बना दी गई है पर नदी के लिए तो नीचे कोटद्वार में मालिनी तक आना पड़ेगा
ReplyDeletedugadda se zara pehle hai raste mein , jugraafia apka bhi durust hai ! achche log hi kasauli aur lansdowne ko samajh sakte hain baqi to shimle aur mansoori de passenger hange ji !
ReplyDeleteफ़ोटो सोटो तो बडी अच्छी लगा रखी है !! रही बात बीयर कि वो जब आप कहे !!
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