Saturday, 12 April 2008
बीयर की नदी !
नहीं है दिल्ली से दूर , मज़ा भी है भरपूर, दोस्तो ठिकाने का नाम है --LANSDOWNE !नाम अंग्रेज़ी मगर तासीर खालिस देसी ! काफल और बाल मिठाई से हमारी पहली मुलाक़ात वहीं हुई । अरसा हुआ वहां गए मगरपहाडी नदी खोह में बीयर सूत के पड़े हुए जो दुपहरियाँ वहां गुज़रीं वो भुलाए नहीं भूलतीं ! एल्बम में पड़ी तस्वीरें भी धुन्धलानेलगीं थीं सो हमने सोचा के यारों के संग ज़रासाझा की जाएं । वैसे ब्लोग्वानी पे कुमाओंरेजिमेंट वालों की तादाद ज़ियादा है मगर ''जय बदरी विशाल '' कहने में वो भी उज्र नहींकरेंगे जो वीर गढ़वालिओं का समर घोष है। । दरअसल ये जगह गढ़वालरायफल्स के सूरमाओं का ट्रेनिंग सेंटर भी हैइसलिए साफ सफ़ाई और कायदे कानून केलिहाज़ से भी बड़ी अच्छी जगह है । ज़ियादा ब्लोगिंग से बीवी बच्चे खफा हो जाते बताये जा रहे हैंगे । गर्मी भी पड़ रही है सो अगली हीफुरसत में दिल्ली-मेरठ -खतौली होते हुए होके आओ वहां , बड़ी मौके की जगह है ,याद करोगे हाँ ! रेजिमेंट का म्यूज़ियम , मन्दिर, पुराना गिरजाघर और छोटी सी झील कुल जमा ये ही है देखने को मगर महसूस करने को बहोत कुछ है दोस्तों । ऊपर ये तस्वीरें हमारे साथियों ओ.पी. वर्मा , अभिनन्दन और जीतेंद्र की हैं और हम भी पोज दे रहे हैं कहीं कहीं। अगर इरफान इन तस्वीरों को स्कैन न करते तो हम उन्हें बीयर भी ऑफर न करते !चूंकि वो पीते नहीं हैं इसलिए उनसे पूछ लेना बनता भी है !असल में ये किस्सा पिछले साल मई का है मगर तस्वीरें हमने LANSDOWNE में ही धुल्वा कर इस हाल में पाया की जाने कब की हैं।
''
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
जी कुमाऊं रेजीमेंट हो या गढ़्वाल रायफल सब अपने ही हैं जी. "जब बदरी विशाल"
ReplyDeleteकभी हमें भी ऑफर करें.पीते नहीं हैं लेकिन मना करना भी नहीं बनता ना.
भई ऐसी अच्छी जगहों पर जाकर तो आप कमाल करते ही हैं, नदियाँ बहाकर भी यारों को जलाते हैं. हम तो यही कहेंगे कि लगे रहिये.
ReplyDeleteऔर हाँ अगर तस्वीरों को बडा करके दिखाना चाहें तो तस्व्वीर पर डबल क्लिक करने का पुराना नुस्ख़ा ही है.
ReplyDeleteअरे यार kakesh आपके साथ तो रम ही चलेगी कभी !
ReplyDeleteलैंसडाउन हमारा प्रिय गैटअवे है पर सक पहलर तस्वीर लैंसडाउन की नहीं जान पड़ती क्योंकि वहॉं एक मानवनिर्मित झील तो अब बना दी गई है पर नदी के लिए तो नीचे कोटद्वार में मालिनी तक आना पड़ेगा
ReplyDeletedugadda se zara pehle hai raste mein , jugraafia apka bhi durust hai ! achche log hi kasauli aur lansdowne ko samajh sakte hain baqi to shimle aur mansoori de passenger hange ji !
ReplyDeleteफ़ोटो सोटो तो बडी अच्छी लगा रखी है !! रही बात बीयर कि वो जब आप कहे !!
ReplyDelete