सॉरी ! हम मुफ्त सलाह नही देते ।मुफ्त के माल की अहमियत नही मानते लोग । हम एक सलाह केन्द्र बना रहे हैं , वहाँ आकर अपॉइनमेंट लीजिये , फीस भरिये और सलाह पाइये ।मुफ्त में कैसे बता दें कि थोड़ा रंग शंग भरो ,थोडे पॉडकास्ट डालो ,दो-चार पोस्ट ठेलो ,बाकि सब ठीक है ।
इफ्फन घुर्मामारकुण्डवी की सलाह पर गौर फ़रमाएं अलबत्ता उनसे यह ज़रूर पूछ लें कि सुझाव केन्द्र का हैडक्वार्टर इन दिनों कहां चलाया जा रहा है ... यानी वहीं है या दुबारा से शिफ़्ट किया जाने वाला है. बाक़ी आपकी ओल्ड-फ़ैशनपंथी भी बची रहे और हिपोक्रेसी भी. Image Makers नाम की संस्था आज कल नैनीताल के पटुवाडांगर नामक स्थान पर कार्यरत है. उस का नम्बर चाहें तो मुझे फ़ोन करें. हार्मोनियम पहुंच गया (... किसी को बताना मती.)
सलाह हम देगे जी,और किसमे है दम जो हमारी सलाह से चल रहे ब्लोगर्स से पंगे ले..फ़ौरन बाबा फ़रीदी के आश्रम मे पधारिये कॊइ फ़ीस नही चढावे के लिये हम मना करते नही..बोतल तो आप लेकर ही आयेगे ना आखिर मयखाना खॊला है .:)
अशोकजी हेडक्वार्टर बदलने में हम हिचक रहे हैं क्योंकि बरेली से चार्ली ने अभी तक एनओसी नही भेजा है. मुझे एक बात समझ में नहीं आई कि आपलोग हारमोनियम बजा कर कौन सी नई धुन छेडने वाले हैं? पटुवाडांगर के एसएचओ कह रहे थे कि इमेज मेकर्स में पानी टपक रहा है?
अजी माल ऐ मुफ्त , दिल ऐ बेरहम ! आप एक बनते हुए ब्लॉग को देख सकते हैं, इतना ही बहोत था मगर सलाहें ,जो मैंने मांगी थीं, वो देकर अपने अपनी दानिशमंदी के जज़्बे को और निखारा है । दरअसल इस ब्लॉग का कलेवर हिन्दी पोस्ट को sidebar में हमेशा support नहीं करता सो अंग्रेज़ी ठेल रखी है वहां । सुजाता के कहे पर रंग तो भरा जा सकता है इसमें मगर शंग कहाँ मिलेगा ये मैं अभी ढूँढने जा रया हूँ .......बाक्की फ़िर.
बॉस इट इस डिफ़्फ़रेंट्। वाहइट अच्छा लग रहा है, थोड़ा संगीत हो जाए। एक सलाहकेंद्र हमारे यहां भी है, सलाह के बदले थोड़ी दोस्ती करनी पड़ती है। है मंजूर तो आ जाना, सलाहकेंद्र के दरवाजे खुले मिलेगें।
welcome sir
ReplyDeleteरंगीन ब्लोग बनाएँ sir
ReplyDeleteTHANX YAR.
ReplyDeleteईश्वर तुम्हारी आत्मा को टुन्न बनाये रखे.. वैसे इतनी अच्छी ज़बान है तुम्हारी और तुमने, ससुर, प्रोफ़ाइल अपना इंग्रेजी में ठेल रखा है, क्यों?..
ReplyDeleteबढ़िया है, लगे रहिये।
ReplyDeleteसॉरी !
ReplyDeleteहम मुफ्त सलाह नही देते ।मुफ्त के माल की अहमियत नही मानते लोग । हम एक सलाह केन्द्र बना रहे हैं , वहाँ आकर अपॉइनमेंट लीजिये , फीस भरिये और सलाह पाइये ।मुफ्त में कैसे बता दें कि थोड़ा रंग शंग भरो ,थोडे पॉडकास्ट डालो ,दो-चार पोस्ट ठेलो ,बाकि सब ठीक है ।
कृपया अपने बाज़ुओं पर विश्वास रखें और सलाह केंद्र वाले नक्कालों से सावधान रहें. हमारा सुझाव केंद्र ही असली है और हमारी कोई ब्रांच नहीं है.
ReplyDeleteइफ्फन घुर्मामारकुण्डवी की सलाह पर गौर फ़रमाएं अलबत्ता उनसे यह ज़रूर पूछ लें कि सुझाव केन्द्र का हैडक्वार्टर इन दिनों कहां चलाया जा रहा है ... यानी वहीं है या दुबारा से शिफ़्ट किया जाने वाला है. बाक़ी आपकी ओल्ड-फ़ैशनपंथी भी बची रहे और हिपोक्रेसी भी. Image Makers नाम की संस्था आज कल नैनीताल के पटुवाडांगर नामक स्थान पर कार्यरत है. उस का नम्बर चाहें तो मुझे फ़ोन करें. हार्मोनियम पहुंच गया (... किसी को बताना मती.)
ReplyDeleteसलाह हम देगे जी,और किसमे है दम जो हमारी सलाह से चल रहे ब्लोगर्स से पंगे ले..फ़ौरन बाबा फ़रीदी के आश्रम मे पधारिये कॊइ फ़ीस नही चढावे के लिये हम मना करते नही..बोतल तो आप लेकर ही आयेगे ना आखिर मयखाना खॊला है .:)
ReplyDeleteअशोकजी हेडक्वार्टर बदलने में हम हिचक रहे हैं क्योंकि बरेली से चार्ली ने अभी तक एनओसी नही भेजा है. मुझे एक बात समझ में नहीं आई कि आपलोग हारमोनियम बजा कर कौन सी नई धुन छेडने वाले हैं? पटुवाडांगर के एसएचओ कह रहे थे कि इमेज मेकर्स में पानी टपक रहा है?
ReplyDeleteअजी माल ऐ मुफ्त , दिल ऐ बेरहम ! आप एक बनते हुए ब्लॉग को देख सकते हैं, इतना ही बहोत था मगर सलाहें ,जो मैंने मांगी थीं, वो देकर अपने अपनी दानिशमंदी के जज़्बे को और निखारा है । दरअसल इस ब्लॉग का कलेवर हिन्दी पोस्ट को sidebar में हमेशा support नहीं करता सो अंग्रेज़ी ठेल रखी है वहां । सुजाता के कहे पर रंग तो भरा जा सकता है इसमें मगर शंग कहाँ मिलेगा ये मैं अभी ढूँढने जा रया हूँ .......बाक्की फ़िर.
ReplyDeleteब्लॉग तो चकाचक है, अब लिखना शुरू करें.
ReplyDeleteye to ACCHHA bhi hai aur THEEK bhii...shubhkaamnaaye
ReplyDeleteचकाचक है!!
ReplyDeleteइत्ते सारे बड़े-"बूढ़ों" ने सलाह दे डाली अपन तो चिल्हर है क्या सलाह देंगे ;)
बॉस इट इस डिफ़्फ़रेंट्। वाहइट अच्छा लग रहा है, थोड़ा संगीत हो जाए। एक सलाहकेंद्र हमारे यहां भी है, सलाह के बदले थोड़ी दोस्ती करनी पड़ती है। है मंजूर तो आ जाना, सलाहकेंद्र के दरवाजे खुले मिलेगें।
ReplyDeleteमुनीश भाई अपने लेन में ज़रा देर से लगे पर इत्ता समझ लो । आ तो गये हो । बाकी सब तो ठीक है । अपनी आवाज़ टांगते रहना यहां पर ।
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