Sunday 23 August 2009

सिगरेट और संगीत

हमारे यहाँ सुरा -प्रेमियों में सुर प्रेमियों की भी कोई कमी नहीं है और बड़े-बड़े हाकिमों से लेके दफ्तरी बाबू तक हमने ऐसे नेम-धरम के पक्के देखे हैं जो जगजीत सिंह की ग़ज़ल शुरू होने पर ही पहला घूँट भरते हैं ! मगर सिगरेट चीज़ ऐसी निगोड़ी है जिसे जब चाहे, जहाँ चाहे लोग सुलगा के बैठ जाते हैं ! मगर अब वक़्त बदल रहा है , दिल्ली में बहुत सी जगहों पर बैन का असर दिख रहा है और लोग स्मोकर्स को टोकने लगे हैं ! ये एक अच्छा चलन है और सिगरेट का असल ज़ायका लौटाने में मददगार भी है । जब आप ख़ास जगह तलाश कर धुआं खोरी को अंजाम देते हैं तो सिगरेट की असल कशिश आप महसूस कर पाते हैं । मैंने तो सार्वजानिक जगहों पर सिगरेट बिल्कुल त्याग दी है । इस से न सिर्फ़ मेरी ये बुरी आदत कम हुई है बल्कि लुत्फ़ भी ज्यादा मिल रहा है । मैं अब शाम ढले शान्ति से बैठ कर कोई पसंदीदा म्यूजिक का पीस लगाता हूँ और तभी सिगरेट जलाता हूँ । इस तरह दिन भर में बस २-३ सिगरेट के अलावा फ़िर कोई तलब नहीं लगती । सिगरेट का धुआं संगीत की स्वर लहरी पे उड़ता देखना मन को सुकून से भर देता है ।'गौड फादर' ' से ये पीस सुन के देखें , अगर आप धुआं खोर नहीं हैं तो भी आपको लगेगा के आबनूस के फर्नीचर से आती गंध में सिगरेट के धुएँ के बादल एक अजब माहौल रच रहे हैं .......

9 comments:

  1. गॉड फादर की लव थीम का पीस सुनकर मेरे मन में फिल्म के अनेकों मास्टर पीस उभर आए. गॉड फादर तो अपने आप में एक मैग्नम ओपस है. मारियो पूजो का यह नॉवेल मैने कई बार पढ़ा है और फिल्म करीब-करीब पाँच बार देखी है. लव थीम का कर्णप्रिय म्यूज़िक सुनाने के लिए शुक्रिया!

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  2. इन दिनों आपने यह अच्छा चलन निकाला है.. थोडा सी बात और थोडा सा विसुअल... यह फोटो की तरह होता है... बांकी बातें कह जाती है... सच में, हम अच्छे पीने वाले हैं शलीके से पीते हैं... वैसे भी बंद काम के थकान पर या अवसादों को जब संगीत की धुन प् जब जीता है तभी धुआंखोरी करता है...

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  3. @nanak --thnx a lot !
    @sagar -- this style is like bhajia with a drink bhai !thnx !

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  4. मुनीश भाई

    सिगरेट तो जब चाहे जल जाती है
    शराब ख़ास दोस्त, ख़ास संगीत और ख़ास महौल के बिना कभी नहीं

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  5. हमारी सिगरेट अब किसी पुराने यार के साथ होने पर जलती है .या शहर से दूर होने पर ..अलबत्ता गोड़ फादर अपना असर कही भी छोड़ देती है

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  6. @ भजीया विथ ड्रिंक

    वाह स्टाईल का नाम बडा धांसू लगा :)

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  7. Dear Ashok, Anurag and Satish ,
    Hope u all enjoyed the music! thnx for sharing!
    munish

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  8. I gave up smoking a few years back, after 30 years of smoking. I got a little fed up with it and I couldn't restrict it like you have done. Perhaps, with me it's like:
    या तो मिट जाईये या मिटा दीजिये
    कीजिये जो भी सौदा खरा कीजिये !

    Yes, the combination of ghazal and cigarette is fantastic. Filled me with nostalgia.

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  9. कमाल पचीनो, कमाल पचीनो।

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