पांडव युद्ध जीत चुके थे . मारे गए सगे सम्बन्धियों के श्राद्ध और कृष्ण को द्वारिका के लिए विदा करने के बाद उन्होंने राज-काज में मन लगाने की भरसक कोशिश की मगर धृतराष्ट्र और गांधारी की उदासी और कटाक्ष उन्हें बेचैन किये रहते . उनका दिल जीतने की कोशिश भी उन्होंने बहुत की मगर एक दिन देखा तो दोनों बूढे-बुढ़िया किसी को बगैर कुछ बताये महल से कहीं जा चुके थे . वो दोनों फिर लौट कर न आये मगर उनकी उदासी का चीत्कार महल के हर कोने में चमगादडों की तरह लटका था जो रात को पांडवों को और बेचैन कर देता . तो क्या करें ! आखिरकार ये तय हुआ कि अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को राज-काज सौंपकर महा-प्रस्थान किया जाए . परंपरा तो संन्यास की थी मगर संन्यास के लिए जो स्थिरता चाहिए वो न थी . लगता था कि ध्यान लगा कर बैठे भी तो उसी धर्म युद्ध की चीखें सुनाई देंगी सो संन्यास नहीं . तो? बस चलते रहेंगे और थक कर गिर जाने वाले को कोई पीछे मुड कर न देखेगा. पांडव आजीवन लड़े थे सो बुढापे में एडियाँ रगड़ कर मरने को तैयार न थे . सो वो महा-प्रयाण पर निकल पड़े . बद्रीनाथ{Badrinath;( UTTARAKHAND)} से करीब पांच किलोमीटर पर है भारत का अंतिम गाँव माणा . आगे दो किलोमीटर पर वो स्थान है जहाँ द्रौपदी ने प्राण त्यागे ,फिर और चार किलोमीटर चलें तो आता है वसुधारा प्रपात . कहते हैं यहाँ सहदेव ने प्राण त्यागे और अर्जुन ने अपना गांडीव . मान्यता है कि यदि इस प्रपात कि बूँदें आप पर पड़ें तो आप पुण्यात्मा हैं वर्ना पापी . बहरहाल वीडियो को फुल वोल्यूम पर देखें और समुद्र तल से करीब १३,५०० फ़ुट की ऊंचाई पर जल और वायु की ध्वनि को अनुभव करें और मुझे सेर भर दुआएँ दें कि मैं आपके लिए ये वीडियो बना कर लाया ।
अति सुंदर ! इस कथा के बारे में पता नहीं था बताने का आभार
ReplyDeleteYaha kahani to pahli baar pata chali hi...per Jharne ka live video bahut achha laga...
ReplyDeleteapki ye post vaki bahut achhi hai...
Yaha kahani to pahli baar pata chali hi...per Jharne ka live video bahut achha laga...
ReplyDeleteapki ye post vaki bahut achhi hai...
अजब
ReplyDeleteग़ज़ब
ReplyDeleteजबरजस्त
ReplyDeleteपानी बैरिया भिन्नौटे मार मार कै
ReplyDeleteजे झरना कित्तो का दे रए मुनीस बाबू
ReplyDeleteधड़ी का रैट बतला देओ
मन्दाकिनी ना रई दिक्खे नीचू!
ReplyDeleteआऊ!
ReplyDeleteमेरे कन्ने चक्कू ए!
ReplyDeleteजे कानी ए दिए की जा तौफ़ान की!
ReplyDeleteआज का रैट थाम लेओ मुनिस बाबू: सतहत्तर पैहे कुन्टल!
ReplyDeleteचीनी के दाम बढ़ गए सर!
ReplyDeleteMid-term Break
ReplyDeleteBy Seamus Heaney
I sat all morning in the college sick bay
Counting bells knelling classes to a close.
At ten o’clock our neighbours drove me home.
In the porch I met my father crying—
He had always taken funerals in his stride—
And Big Jim Evans saying it was a hard blow.
The baby cooed and laughed and rocked the pram
When I came in, and I was embarrassed
By old men standing up to shake my hand
And tell me they were ’sorry for my trouble.’
Whispers informed strangers that I was the eldest,
Away at school, as my mother held my hand
In hers and coughed out angry tearless sighs.
At ten o’clock the ambulance arrived
With the corpse, stanched and bandaged by the nurses.
Next morning I went up into the room. Snowdrops
And candles soothed the bedside. I saw him
For the first time in six weeks. Paler now,
Wearing a poppy bruise on his left temple.
He lay in a four foot box, as in his cot.
No gaudy scars, the bumper knocked him clear.
A four foot box, a foot for every year.
सुंदर जलप्रपात और मनोहारी दृश्य सच मे स्वार्गारोहण की कहानी का सा आभास कराते हैं।एक प्रपात यंहा भी है छतीसगढ मे ।चित्रकोट बस्तर मे है और ये भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है नियाग्रा की याद दिला देता है।कभी मौका मिले तो इधर आईये पहाड़ और साल के अबूझ जंगल अद्भुत सौंदर्य समेटे है अपने आप में।
ReplyDeleteजीवन से भरा ये प्रपात
ReplyDeleteमजबूर करे जीने के लिए!
और
मुनीश भाई के साथ
वहीँ कहीं
ऑन द रॉक्स पीने के लिए!
मुनीश भाई! Anil Pusadkar जी की बात मान लो. सुना मैंने भी भोत है इस हिन्दुस्तानी नियाग्रा के बारे में! मगर आपका पहाडों से इश्क छूटे जब न! लगे रहिये! न जाने कितनों के सपनों को जी रहे हैं आप!
मैने पुछा मंजिले मकसुद कहा है "
ReplyDeleteखिज्र ने राह बतायी मुझे मयखाने की "
मुनीश जी,
ReplyDeleteवसुधारा के चित्र के बारे में तो मैंने पहले भी बता दिया था कि यह वसुधारा है. लेकिन इसकी कहानी मालूम नहीं थी.
Dear Ashok bhai,Manish, Vineeta,Anil ji,Viney,Deepak and Neeraj thnx for ur kind visit to Maykhaana.
ReplyDeleteअहा!! मेडिटेशन की अवस्था मे हो लिए देखते देखते..वहाँ पहुँचकर तो आनन्द ही आ गया होगा.
ReplyDeleteFantastic snap.
ReplyDeletejab College me thai tab trekking per gaye thai us aur, Vasudhara se aur aage jaane ka plan tha lekin Uttarkashi wala bhookump aanki wajah se usse aage jaane ka plan cancel kiya.
ReplyDeleteWaise to usse aage kuch nahi siway china ke border ke. Lekin log batae hain ki wahin se purane daur me trading ke kaafile jaate thai.
Mana jaane ke raste me saraswati bhi parti hai jiske uppar ek bari chattan se bana bridge bhi parta hai.
Tarun
Thnx Sameer ji ,Rajesh and Tarun ! There is around 25 k.m. of lovely trek ahead of this fall and it is easily accessible with local guides. Better u hire one from Maana itself.
ReplyDeleteYour blog keeps getting better and better! Your older articles are not as good as newer ones you have a lot more creativity and originality now keep it up!
ReplyDeleteI am not going to be original this time, so all I am going to say that your blog rocks, sad that I don't have suck a writing skills
ReplyDeleteChow smaller foods additional often is definitely an essential component [B][URL=http://www.fitnessworkoutclub.com/insanity-workout-dvds.html]insanity reviews[/URL][/B] of any muscle mass creating eating habits. If you're acquiring a meal in each and every handful of hours, you are planning to make sure you possess a higher metabolism and the appropriate protein synthesis to insure muscles progress. Metabolic rate is just an important part of the procedure. You don't desire to put on fat, [B]insanity dvd[/B] you need to set on muscle tissue. As for protein synthesis, just think of it as being a level in your physique. When it's up, you'll be able to create muscle tissue, when it's down, you can't. [B][URL=http://www.fitnessworkoutclub.com]p90x workout[/URL][/B] Keep it up all of the time by consuming.
ReplyDelete[URL=http://www.fitnessworkoutclub.com][IMG]http://www.beachbody.com/images/en_US/products/programs/insanity/ins_sell_lloyd_a.jpg[/IMG][/URL]